स्कूल-कॉलेज स्तर पर ही समझाया जाए पौधों का महत्व

पर्यावरण को संरक्षित रखने और हरियाली बढ़ाने में युवा वर्ग अहम भूमिका निभा सकता है। स्कूल व कॉलेज स्तर पर ही युवाओं को पेड़-पौधों का महत्व बताया जाएगा तभी वे पर्यावरण से प्रेम करने लगेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 09:08 AM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 09:08 AM (IST)
स्कूल-कॉलेज स्तर पर ही समझाया जाए पौधों का महत्व
स्कूल-कॉलेज स्तर पर ही समझाया जाए पौधों का महत्व

जागरण संवाददाता, जींद:

पर्यावरण को संरक्षित रखने और हरियाली बढ़ाने में युवा वर्ग अहम भूमिका निभा सकता है। स्कूल व कॉलेज स्तर पर ही युवाओं को पेड़-पौधों का महत्व बताया जाएगा, तभी वे पर्यावरण से प्रेम करने लगेंगे। इस दिशा में शुरू की गई पौधगीरी मुहिम बहुत बढि़या है। कॉलेज स्तर पर भी यह मुहिम शुरू होनी चाहिए। छोटी उम्र में ही पौधों का महत्व पता चलेगा तो जिदगी भर पेड़ों से प्यार रहेगा। यह कहना है कि प्रयास सेवा समिति उझाना के सदस्यों का। गांव के आइपीएस कुलदीप चहल की अगुआई में प्रवीण कुमार, सुरेश, सतीश कुमार, जसमेर, मंजीत, बलवान सहित करीब 82 युवा पौधारोपण मुहिम में जुटे हुए हैं। गांव के इन युवाओं को अभी से पौधों का महत्व पता चल गया है। चार साल में ही ये युवा अब तक करीब 12 हजार पौधे लगा चुके हैं। गांव की शामलात जगहों पर पौधे रोपे जा चुके हैं। अब ग्रामीणों को खेतों और घरों में भी फलदार पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। संस्था के सदस्य सुरेश कुमार बताते हैं कि गांव में शानदार पार्क विकसित किया गया है। यहां फैंसी पौधे लगाए गए हैं। स्टेडियम में भी बड़ी संख्या में पौधे लगाए गए हैं। संस्था की ओर से त्रिवेणी यानि नीम, बरगद व पीपल के पौधे रोपे जा रहे हैं। खेतों में जामुन व अमरूद के पौधे लगाने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया जा रहा है। गांव के श्मशान घाट, कब्रिस्तान व दूसरी जगहों पर त्रिवेणी बढ़ना शुरू हो गई हैं। बाबा खाकनाथ तीर्थ स्थल पर भी करीब 3500 के आसपास छोटे पौधे लगाए गए हैं। युवाओं का उत्साह देखकर गांव की पंचायत भी पूरा सहयोग कर रही है। बीती पांच जून को प्रयास सेवा समिति ने पौधरोपण अभियान की शुरुआत की थी। अब पूरे मानसून के दौरान करीब तीन से चार हजार पौधे लगाने का लक्ष्य हैं। सुरेश कुमार कहते हैं अब इस मुहिम में आसपास के गांवों को भी शामिल किया जाएगा।

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