शिक्षकों की कोरोना काल में ड्यूटी लगाने पर हसला ने उठाए सवाल
हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) ने शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल प्रवक्ताओं की ड्यूटी कोविड-19 महामारी के तहत लगाने पर सवाल उठाए हैं।
जागरण संवाददाता, जींद : हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) ने शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल प्रवक्ताओं की ड्यूटी कोविड-19 महामारी के तहत लगाने पर सवाल उठाए हैं।
हसला जिला प्रधान जोगेंद्र लोहान ने कहा कि ड्यूटी में पद की गरिमा का ध्यान नहीं रखा गया। इसमें कई तर्कसंगत विसंगतियां हैं। जिनको लेकर मुख्य सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजा है। लेक्चरर की उनके रिहाशी इलाके के आसपास ही ड्यूटी लगाई जाए। प्रत्येक ड्यूटी के लिए समय अवधि निर्धारित हो। कार्यस्थल से दूर ड्यूटी लगाए जाने पर नियमानुसार टीए डीए दिया जाए और आवागमन के लिए सरकारी वाहन उपलब्ध करवाया जाए। अगर इन ड्यूटी के दौरान किसी प्रवक्ता को कोरोना हो जाता है, तो विभाग अपने स्तर पर कैशलेस पॉलिसी के अंतर्गत उसका इलाज कराए। मृत्यु हो जाती है, तो उसे एक करोड़ की मुआवजा राशि प्रदान की जाए और न्यू पेंशन स्कीम यानि एनपीएस कर्मचारी को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए।
पूर्व राज्य उपप्रधान राजबीर रेढू और पूर्व हसला प्रधान शमशेर नैन ने कहा कि स्कूल लेक्चरर का वेक्सीनेशन किया जाए और एंटीबॉडी बनने के बाद (मेडिकल गाइड लाइन के अनुसार) उनकी ड्यूटी लगाई जाए। ड्यूटी पद की गरिमा के अनुसार कार्यों में लगाई जाए। जबकि सरकार ने शिक्षकों की ऑनलाइन ट्रेनिग कोविड प्रोटोकॉल तथा होम आइसोलेशन में मरीजों का ध्यान रखने के लिए लगाई है। जिसमें शिक्षकों के साथ साथ ट्रेनिग में आशा वर्कर, एएनएम, एमपीएचडब्ल्यू को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में शिक्षकों की ड्यूटी लगाना गलत है। ऐसे में उनको भी संक्रमण हो सकता है। सरकार को यह फैसला वापस लेना चाहिए।