सोने के आभूषणों पर हालमार्क जरूरी, ज्वेलर्स को कराना रजिस्ट्रेशन

सोने के आभूषणों पर हालमार्किंग अनिवार्य कर दी गई है। जींद शहर में 200 से ज्यादा ज्वेलरी के शोरूम और दुकानें हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 08:19 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 08:19 AM (IST)
सोने के आभूषणों पर हालमार्क जरूरी, ज्वेलर्स को कराना रजिस्ट्रेशन
सोने के आभूषणों पर हालमार्क जरूरी, ज्वेलर्स को कराना रजिस्ट्रेशन

जागरण संवाददाता, जींद : सोने के आभूषणों पर हालमार्किंग अनिवार्य कर दी गई है। जींद शहर में 200 से ज्यादा ज्वेलरी के शोरूम और दुकानें हैं। इनमें से लगभग 90 प्रतिशत ज्वेलर्स ने हालमार्क के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया हुआ है। बगैर हालमार्क के आभूषण कच्चे बिलों पर बेचे जाते हैं। जिससे ग्राहकों के ठगी का शिकार होने का खतरा रहता है। बहुत से ज्वेलर कच्चे बिलों पर ही बगैर हालमार्क के ही आभूषण बेचते हैं। ग्राहक भी थोड़े से पैसे के लालच में बगैर हालमार्क के आभूषण खरीद लेते हैं और पक्का बिल नहीं मांगते। हालमार्किंग होने के बाद ग्राहक के साथ कोई ज्वेलर ठगी नहीं कर सकेगा। हालमार्क प्लेटिनम, स्वर्ण, रजत जैसी बहुमूल्य धातुओं पर लगाया जाने वाली आधिकारिक मुहर है। जो उसकी गुणवत्ता प्रमाणित करने के लिये लगाई जाती है। स्वर्णकार संघ जींद के अध्यक्ष संजय वर्मा ने बताया कि हालमार्किंग से ग्राहक और ज्वेलर दोनों को ही फायदा है। इससे ग्राहक ठगी से बचेंगे। जितने कैरेट का आभूषण होगा, उसका पक्का बिल ग्राहक को मिलेगा। हेराफेरी पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। साफ-सुथरा लेनदेन होने से ज्वेलर को भी किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) की साइट पर जाकर ज्वेलर आसानी से हालमार्क के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।

ग्राहक के साथ नहीं होगी धोखाधड़ी

रिकू ज्वेलर्स दुकान के संचालक भारत भारद्वाज ने बताया कि सरकार का ये अच्छा फैसला है। अकसर ग्राहक के साथ होता है कि सोने के आभूषण में ज्वेलर की तरफ से दावा कुछ किया जाता है, मिलता कुछ और है। दुकानदार ने जितने कैरेट का कह कर आभूषण बेचा है। उसका ग्राहक को पक्का बिल मिलेगा। उसके साथ धोखाधड़ी नहीं होगी। जब भी वह दोबारा आभूषण बेचने कहीं जाएगा, तो हालमार्किंग होने से उसे कोई दिक्कत नहीं होगी इससे ग्राहक और दुकानदार दोनों की संतुष्टि होगी।

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