फसल अवशेष जलाने से कम हो रहे जमीन के पोषक तत्व

जागरण संवाददाता जींद फसल अवशेष जलाने की वजह से जमीन में पोषक तत्वों की कमी हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 07:02 AM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 07:02 AM (IST)
फसल अवशेष जलाने से कम हो रहे जमीन के पोषक तत्व
फसल अवशेष जलाने से कम हो रहे जमीन के पोषक तत्व

जागरण संवाददाता, जींद : फसल अवशेष जलाने की वजह से जमीन में पोषक तत्वों की कमी हो रही है। जिसका सीधा असर फसल उत्पादन पर पड़ रहा है। पोषक तत्वों की कमी के कारण बीमारियां बढ़ रही हैं। जिससे किसानों की फसल पर लागत बढ़ रही है। कृषि विभाग द्वारा की जा रह मिट्टी जांच में सबसे ज्यादा कमी जमीन में नाइट्रोजन और जिक की मिल रही है। खेत में फसल अवशेष जलाने, गोबर की खाद नहीं डालने की वजह से ये कमी आ रही है। इस कमी को पूरा करने के लिए किसान जरूरत से ज्यादा यूरिया का प्रयोग कर रहे हैं। अगर फसल अवशेषों को खेत में काट कर मिला दिया जाए और समय-समय पर गोबर की खाद खेत में डाली जाए, तो खेत को जैविक कार्बन मिलता रहेगा। जिससे नाइट्रोजन समेत ज्यादातर पोषक तत्वों की पूर्ति होती रहेगी और फसल में बीमारी कम आएगी। उत्पादन भी ज्यादा होगा।

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जिले में कितने किसानों के बने सॉयल हेल्थ कार्ड

विभाग ने खेतों में जाकर मिट्टी के सैंपल लिए : 96718

सॉयल हेल्थ कार्ड जारी किए : 418926

नोट : कोरोना की वजह से इस साल विभाग ने खेतों से सैंपल नहीं लिए। ये सैंपल पिछले दो साल में लिए गए हैं।

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इस साल कितने किसानों ने सैंपल की जांच कराई

मिट्टी की जांच : 840

पानी की जांच : 1504

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जमीन के लिए आवश्यक तत्व

कार्बन, हाइट्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश, कैल्शियम, मैगनिशियम, सल्फर, जिक, लोहा, मैगनीज, तांबा, बोरोन, मौलीबिडनम, क्लोरीन

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मिट्टी जांच जरूरी

भूमि में विभिन्न तत्वों की क्या स्थिति है और कौन से तत्व कितनी मात्रा में डालने जरूरी हैं, ताकि पौधों को आवश्यक तत्व मिल सकें। इसके लिए मिट्टी जांच जरूरी है।

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मिट्टी-पानी जांच के लिए जिले में लैब : 2

जींद व नरवाना में हैं लैब

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अच्छे उत्पादन के लिए ये चीजें जरूरी

--हर छठे माह ट्यूबवेल के पानी की जांच कराएं। ट्यूबवेल के दो घंटे चलने के बाद सैंपल के लिए पानी लें।

--नया ट्यूबवेल लगाने पर पानी की जांच जरूरी, ताकि पता चल सके कि पानी फसल के लिए नुकसानदायक तो नहीं है।

--अगर ट्यूबवेल के पानी में नमक की मात्रा अधिक है, तो ट्यूबवेल का बोर बंद कर दें।

--मई-जून में खेत खाली होता है, उस समय मिट्टी की जांच कराएं। जिससे खेत में पोषक तत्वों की मात्रा का पता चल सके।

--खेत में गोबर की खाद डालें। हरी खाद के लिए ढैंचा व मूंग की फसल उगाकर उसे खेत में काट कर मिला दें।

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फसल अवशेष को जलाने की बजाय उसे खेत में ही काट कर मिला दें। इससे जैविक कार्बन बढ़ेगा। जिससे जमीन में जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति होती रहेगी। जींद व नरवाना में लैब हैं। किसान मिट्टी व पानी की जांच अवश्य कराएं। ताकि जरूरी पोषक जमीन में डाले सकें।

डा. संतकुमार मलिक, भूमि परीक्षण अधिकारी

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