बिना वैक्सीनेशन व प्रशिक्षण के शिक्षकों को मौत के मुंह में न धकेले सरकार

हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन (हसला) की ऑनलाइन राज्य स्तरीय बैठक हुई जिसमें प्राध्यापकों की ड्यूटी बिना वैक्सीनेशन और उचित प्रशिक्षण के अग्रणी पंक्ति में लगाए जाने पर मंथन हुआ। जिला प्रधान जोगेंद्र लोहान ने बताया कि पिछले साल भी कोविड महामारी में अध्यापकों ने जोखिम की परवाह किए बिना सरकार द्वारा दी गई ड्यूटियों को पूरी निष्ठा से निभाया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 06:58 AM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 06:58 AM (IST)
बिना वैक्सीनेशन व प्रशिक्षण के शिक्षकों को मौत के मुंह में न धकेले सरकार
बिना वैक्सीनेशन व प्रशिक्षण के शिक्षकों को मौत के मुंह में न धकेले सरकार

जागरण संवाददाता, जींद : हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन (हसला) की ऑनलाइन राज्य स्तरीय बैठक हुई, जिसमें प्राध्यापकों की ड्यूटी बिना वैक्सीनेशन और उचित प्रशिक्षण के अग्रणी पंक्ति में लगाए जाने पर मंथन हुआ। जिला प्रधान जोगेंद्र लोहान ने बताया कि पिछले साल भी कोविड महामारी में अध्यापकों ने जोखिम की परवाह किए बिना सरकार द्वारा दी गई ड्यूटियों को पूरी निष्ठा से निभाया। साथ ही शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने आमदनी से लगभग 13 करोड़ रुपये कोरोना फंड में दान भी दिया।

हसला ने पिछली बार भी पत्र के माध्यम से विभाग और सरकार के समक्ष ड्यूटियों में विसंगतियों से अवगत करा दिया था। इस बार भी मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सभी अध्यापकों को वैक्सीन लगवाने, पदक्रम अनुसार ड्यूटी लगाने, अध्यापकों को फ्रंट लाइन वर्कर्स का दर्जा देते हुए महामारी की चपेट में आने पर इलाज का खर्च सरकार द्वारा वहन करने, कोविड संक्रमण के चलते अध्यापक की मृत्यु हो जाने पर एक करोड़ रुपये सहायता राशि के रूप में परिवार को सरकार द्वारा देने की मांग रखी थी। इस बार वायरस संक्रमण के चलते शिक्षा विभाग से ही सैकड़ों कर्मचारियों की जान जा चुकी है। बावजूद सरकार वैक्सीनेशन की दो डोज के बिना और बिना उचित प्रशिक्षण के अध्यापकों को मौत के मुंह में धकेलने पर अडिग है। सरकार ने अध्यापकों की ड्यूटी कोविड सैंपलिग में लगाई गई है, जिसमें अध्यापक वर्ग सक्षम नहीं है। बीते दिनों उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा पंचायत चुनावी ड्यूटी में लगाए गए लगभग 700 अध्यापकों की मौत हो गई थी। अब हरियाणा में भी ग्रामीण जनरल हेल्थ चेकअप स्कीम अभियान के तहत लगभग 7000 अध्यापकों की ड्यूटी बिना वैक्सीनेशन प्रोटोकॉल के लगाई जा रही है, जबकि टीम के बाकी सदस्यों आशा वर्कर, आंगनबाड़ी वर्कर, एएनएम आदि को काफी समय पहले वैक्सीनेशन दिया जा चुका है।

------------------ सरकार से यह अपील

हसला के जिला प्रधान जोगेंद्र लोहान ने बताया कि मीटिग में सभी जिला प्रधानों ने आम सहमति से एक बार फिर से सरकार से अपील की है कि सबसे पहले सरकार प्राध्यापकों को वैक्सीन की दोनों डोज लगाए। एंटी बॉडी बनने के अंतराल तक फ्रंट लाइन वर्कर्स के साथ ड्यूटी न लगाए। उचित प्रशिक्षण दे और ड्यूटी का समय निश्चित किया जाए। दूसरे जिलों में नौकरी करने वाले प्राध्यापकों की ड्यूटी उनके गृह जिले में ही लगाई जाए अन्यथा हसला को मजबूरन ड्यूटियों का विरोध करना पड़ेगा।

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