गोसाई खेड़ा की बेटी ने 22 लाख का पैकेज छोड़ पास की यूपीएससी परीक्षा

लक्ष्य हासिल करने के लिए एक चीज पर एकाग्र होना पड़ता है। इस एकाग्रता के लिए कई तरह के त्याग भी करने पड़ते हैं। यूपीएससी की परीक्षा पास करने वाली जिले के गांव गोसाई खेड़ा की बेटी अंकिता पवार ने भी बड़ा त्याग किया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 06:44 AM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 06:44 AM (IST)
गोसाई खेड़ा की बेटी ने 22 लाख का पैकेज छोड़ पास की यूपीएससी परीक्षा
गोसाई खेड़ा की बेटी ने 22 लाख का पैकेज छोड़ पास की यूपीएससी परीक्षा

जागरण संवाददाता, जींद: लक्ष्य हासिल करने के लिए एक चीज पर एकाग्र होना पड़ता है। इस एकाग्रता के लिए कई तरह के त्याग भी करने पड़ते हैं। यूपीएससी की परीक्षा पास करने वाली जिले के गांव गोसाई खेड़ा की बेटी अंकिता पवार ने भी बड़ा त्याग किया। मल्टीनेशनल कंपनी ओरेकेल में 22 लाख के पैकेज पर नौकरी कर रही थी, लेकिन आईएएस बनने का सपना था। नौकरी के साथ तैयारी नहीं हो रही थी, ऐसे में नौकरी छोड़कर घर बैठकर सेल्फ स्टडी की। टीवी व दूसरे कार्यक्रमों से दूरी बनाई। और अब यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में देशभर में 321वां रैंक हासिल किया है।

दैनिक जागरण से फोन पर बातचीत में अंकिता के पिता भूप सिंह ने बताया कि वह पंचकूला स्थित साइंस एंड टेक्नोलाजी विभाग हरियाणा में साइंटिफिक इंजीनियर हैं। बेटी की पढ़ाई चंडीगढ़ में हुई है। शुरू से ही पढ़ाई में होशियार है। दसवीं तक पहली पोजीशन रही। 11वीं व 12वीं सरकारी स्कूल से की। सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में 97.6 फीसद अंक लेकर पूरे चंडीगढ़ में टापर रही। 12वीं के बाद आईआईटी रूड़की से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिग में बीटेक की और तीन महीने तक स्विटजरलैंड में मशीन लनर्निंग एंड आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में इंटर्नशिप की। 2017 में कैंपस प्लेसमेंट के तहत ओरेकल इंडिया लिमिटेड में इंजीनियर के पद पर चयन हो गया था। सवा दो साल वहां नौकरी। इसी दौरान विचार आया कि सोशल सेक्टर में जाकर समाज के लिए कुछ करूं और यूपीएससी की सिविल सेवा के लिए कोचिग लेनी शुरू कर दी। नौकरी के साथ छह महीने तैयारी करके प्री लिम्स दिया। लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद 2109 में नौकरी छोड़कर पढ़ाई पर फोकस किया। अंकिता ने दैनिक जागरण से कहा कि उसका लक्ष्य आईएएस बनना है और अब तीसरी बार भी पेपर देगी। दस दिन बाद ही प्रीलिम्स का पेपर है। दस दिन पहले रिजर्व बैंक आफ इंडिया में भी सेलेक्शन हुआ है, जहां करीब सवा लाख सेलरी है। लेकिन उसका विचार आईआरएस ज्वाइन करके आईएएस की तैयारी करने का है। पिता भूप सिंह ने बताया कि अंकिता की मां कमलेश बीएबीएड हैं। उन्होंने भी बच्चों की पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया। अंकिता की बड़ी बहन एसबीआई में मैनेजर है और छोटा भाई आईआईटी कानपुर से पासआउट होकर 22 लाख के पैकेज पर बंगलुरू में नौकरी कर रहा है। अंकिता ने कहा कि यूपीएससी की तैयारी करने के लिए ग्रेजुएशन के आखिरी साल में सिलेबस पर फोकस कर देना चाहिए। दसवीं व बारहवीं के बच्चों को इंटरनेट मीडिया से दूर रहना चाहिए।

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