कोरोना काल में हीमोफीलिया के रोगियों को दें होम थैरेपी

कोरोना के गंभीर संकट के चलते हीमोफीलिया (रक्तस्त्राव) के रोगियों को अपने उपचार करवाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 07:00 AM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 07:00 AM (IST)
कोरोना काल में हीमोफीलिया के रोगियों को दें होम थैरेपी
कोरोना काल में हीमोफीलिया के रोगियों को दें होम थैरेपी

जागरण संवाददाता, जींद: कोरोना के गंभीर संकट के चलते हीमोफीलिया (रक्तस्त्राव) के रोगियों को अपने उपचार करवाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हीमोफीलिया गंभीर रक्तस्त्राव की बीमारी है, जिसमें रोगी के शरीर में किसी कारण या अकारण भी रक्तस्त्राव होना शुरू हो जाता है। दो घंटे के अंदर रोगी को फैक्टर इंजेक्शन न मिले तो पेट, मस्तिष्क, गले आदि के रक्तस्त्राव में रोगी की जान भी जा सकती है।

हीमोफिलिया सोसायटी के प्रधान आशुतोष शर्मा ने बताया कि राज्य में लगभग 750 व्यक्ति/बच्चे इस लाइलाज बीमारी हीमोफिलिया से पीड़ित हैं। इन्हें अपने जिले के सिविल अस्पताल में सप्ताह में लगभग एक से दो बार जाकर आपातकालीन विभाग में अपना फैक्टर-इंजेक्शन लगवाने पड़ते हैं। रक्तस्त्राव की गंभीरता देखते हुये हमेशा से आपातकालीन विभाग में ही हीमोफीलिया के रोगियों को जीवन रक्षक टीका यानी फैक्टर-इंजेक्शन दिया जाता रहा है। लेकिन अब इमरजेंसी में कोरोना के मरीजों को ऑक्सीजन आदि उपचार दिया जा रहा है, जिस कारण वहां कोरोना संक्रमण होने का खतरा बहुत अधिक बन गया है। इस फैक्टर 8, 9 की एक डोज की कीमत 10 से 20 हजार आती है। ऊपर से ये फैक्टर सिर्फ 8 से 10 घंटे ही असर करते हैं। रक्तस्त्राव इनसे नहीं रुकता तो यह क्रम बार-बार दोहराना पड़ता है। किसी को एंटी इंहिबिटर या फैक्टर 7 की आवश्यकता हो तो उस टीके की एक डोज की कीमत 70 हजार से 1 लाख तक पहुंच जाती है और उसका असर मात्र 3 से 6 घंटे तक ही रहता है। ऐसी गम्भीर बीमारी में अब ये बच्चे और उनके परिवार वाले कहां जाएं। इन हालात में कई राज्यों ने हीमोफिलिया रोगियों को होम-थैरेपी देनी आरंभ कर दी है। इसमें फैक्टर-इंजेक्शन उनकी डोज के हिसाब से उन्हें घर पर उपचार के लिए दे दिये जाते हैं। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब स्वास्थ्य मंत्रालय इस पर काम भी कर रहा है, जिसको लेकर वहां के हीमोफिलिया रोगियों में राहत है। उनकी मुख्यमंत्री मनोहर लाल और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मांग है कि प्रदेश के हीमोफिलिया के रोगियों को उस संकट की घड़ी में आप फैक्टर होम-थैरेपी की सुविधा देने की कृपा करें।

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