सफीदों नगरपालिका में भ्रष्टाचार की जांच करेगी चार एसडीओ, दो शहरवासियों की कमेटी

अग्रसेन चौक पर नगरपालिका के खिलाफ आठ दिन से अनशन पर बैठे रामदास प्रजापत का भाजपा जिलाध्यक्ष राजू मोर ने जूस पिला का समाप्त करवा दिया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 08:53 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 08:53 AM (IST)
सफीदों नगरपालिका में भ्रष्टाचार की जांच करेगी चार एसडीओ, दो शहरवासियों की कमेटी
सफीदों नगरपालिका में भ्रष्टाचार की जांच करेगी चार एसडीओ, दो शहरवासियों की कमेटी

संवाद सूत्र, फीदों : कस्बे के अग्रसेन चौक पर नगरपालिका के खिलाफ आठ दिन से अनशन पर बैठे रामदास प्रजापत का भाजपा जिलाध्यक्ष राजू मोर ने जूस पिला का समाप्त करवा दिया। प्रजापत, प्रवीन बंसल, प्रदीप गर्ग ने सफीदों की नगरपालिका द्वारा करवाए गए विकास कार्यों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। जांच के लिए रामदास ने अनशन शुरू किया था। मंगलवार को आठवें दिन भाजपा जिलाध्यक्ष राजू मोर, सुरेश कौशिक व जिला नगर आयुक्त संजय बिश्नोई धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने रामदास प्रजापत को बताया कि स्थानीय निकाय विभाग के सीनियर अधिकारी द्वारा जांच करवाने और चार एसडीओ के साथ दो शहरवासियों की जांच कमेटी बनाने पर फैसला हो गया है। उन्होंने इसका पत्र भी प्रजापत को सौंपा, जिससे वह संतुष्ट हो गए और राजू मोर ने उनको जूस पिला कर अनशन खत्म करवा दिया।

आरोप: 35 करोड़ खर्च करने में घोटाला

भाजपा जिला कार्यकारिणी सदस्य रामदास प्रजापत ने आरोप लगाया था कि सफीदों नगरपालिका के कर्ताधर्ताओं ने विकास कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार किया है। उन्होंने नगरपालिका द्वारा 35 करोड़ खर्च करके विकास कार्यों में किए गए घोटालों की जांच एसआईटी से करवाने की मांग की थी। जांच नहीं होने पर प्रजापत ने अग्रसेन चौक पर आमरण अनशन शुरू किया था। उनके साथ भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता सोमदत्त शर्मा, जींद जिला सचिव सुखदेव राणा, प्रवीन बंसल, आरटीआई कार्यकर्ता प्रदीप गर्ग आदि भी मौजूद रहे।

मांग: इन कार्यों की हो जांच: भाजपा नेता ने सफीदों शहर में बनाए तीन स्वागत द्वार, स्ट्रीट लाइट, नालियों में लगाए गए प्लास्टिक के पाइप की गुणवत्ता, रामसर पार्क में करोड़ के मिट्टी के भरत, पुरानी ब्लाक को कहां बेचा गया, कन्या महाविद्यालय रोड, एमजी रोड एवं गैस एजेंसी रोड, एचडीएफसी बैंक के सामने नालों के एस्टीमेट, शहर के सभी नालों की निकासी एवं मैटेरियल और नगरपालिका द्वारा लगाए गए डस्टबिन की जांच एसआईटी द्वारा करवाने की मांग की थी।

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