आंगनबाड़ी केंद्र संचालकों से ऑडिट के नाम पर वसूले 400 रुपये, सीडीपीओ ने जांच की बात कही
महिला एवं बाल विकास विभाग के कर्मचारियों द्वारा ऑडिट के नाम पर आंगनबाड़ियों से अवैध वसूली करने का मामला सामने आया है। नरवाना क्षेत्र की आंगनबाड़ियों की ऑडिट करने के लिए 22 अप्रैल को चंडीगढ़ मुख्यालय से टीम को आना है लेकिन कर्मचारी उनसे कह रहे हैं कि ऑडिट नहीं करवानी हो तो वह 400 रुपये दे दें।
संवाद सूत्र, नरवाना : महिला एवं बाल विकास विभाग के कर्मचारियों द्वारा ऑडिट के नाम पर आंगनबाड़ियों से अवैध वसूली करने का मामला सामने आया है। नरवाना क्षेत्र की आंगनबाड़ियों की ऑडिट करने के लिए 22 अप्रैल को चंडीगढ़ मुख्यालय से टीम को आना है, लेकिन कर्मचारी उनसे कह रहे हैं कि ऑडिट नहीं करवानी हो तो वह 400 रुपये दे दें। इसके लिए शनिवार को ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत आंगनवाड़ी वर्कर को लघु सचिवालय स्थित महिला एवं बाल विकास कार्यालय में रजिस्टर लेकर बुलाया गया। ग्रामीण क्षेत्र के अधीन आने वाले 9 सर्कल की सुपरवाइजरों ने वर्करों को रजिस्टर में स्टॉक मिलाने को कह दिया। सुपरवाइजरों ने हर वर्कर से 400 रुपये लिए और कहा कि ये बात किसी को बताई तो निलंबित करवा देंगे।
सुपरवाइजरों ने कहा कि जिन वर्करों ने रुपये दे दिए हैं, उनके सेंटर की जांच नहीं होगी। यही नहीं, वर्ष 2016 से आंगनबाड़ी सेंटरों में नमक की थैली नहीं आई थी, इसके बावजूद रजिस्टर में जनवरी माह की पिछली तिथि में हर सेंटर में 22 थैली नमक की फर्जी तरीके से चढ़वा दी गई। आंगनबाड़ी वर्करों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनको ऑडिट के नाम पर डराया जा रहा है। हमने कोई गलत काम नहीं किया है, फिर भी जबरन पैसे लिए जा रहे हैं।
9 साल में आंगनबाड़ी सेंटरों का हो रहा है ऑडिट
महिला एवं बाल विकास विभाग का वर्ष 2009 के बाद ऑडिट हो रहा है। इसके लिए 2009 से 2018 तक आंगनबाड़ी सेंटरों का ऑडिट होगा। लगभग 9 साल का ऑडिट होने में कई अधिकारी व कर्मचारी भ्रष्टाचार के जाल में उलझ सकते हैं।
---------------------
आंगनबाड़ी वर्करों से ऑडिट के नाम पर 400 रुपये वसूलने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। वे कार्यालय में नहीं आई हैं। हर आंगनबाड़ी सेंटर का ऑडिट किया जाएगा। अगर पैसे वसूले गए हैं तो उनको वापस करवाया जाएगा। जो कर्मचारी इसमें दोषी पाया गया, उसके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा।
बिमला देवी, सीडीपीओ, महिला एवं बाल विकास नरवाना।