दर्दनाक हादसे को भुला दोबारा आर्मी भर्ती की तैयारी में जुटा भिड़ताना का परमजीत

जींद पिछले साल 24 सितंबर की रात जींद-हांसी रोड पर हुए सड़क हादसे मे

By JagranEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 06:20 AM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 06:20 AM (IST)
दर्दनाक हादसे को भुला दोबारा आर्मी भर्ती की तैयारी में जुटा भिड़ताना का परमजीत
दर्दनाक हादसे को भुला दोबारा आर्मी भर्ती की तैयारी में जुटा भिड़ताना का परमजीत

प्रदीप घोघड़ियां, जींद : पिछले साल 24 सितंबर की रात जींद-हांसी रोड पर हुए सड़क हादसे में हिसार से आर्मी की भर्ती से लौट रहे 10 युवकों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस हादसे में केवल एक ही युवक बचा था, वह था भिड़ताना गांव का परमजीत। इस हादसे को पूरा एक साल हो गया है। परमजीत ने हादसे के बाद सदमे पर काबू पाकर ठीक होकर फिर से आर्मी भर्ती की तैयारी शुरू कर दी है। परमजीत का कहना है कि वह हादसे को तो नहीं भूला है लेकिन अपने भाई और साथियों के लिए वह आर्मी की भर्ती को जरूर क्लीयर करेगा। यही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

24 सितंबर, 2019 की उस भयानक रात को भला कौन भूला सकता है। कम से कम वह परिवार तो कतई नहीं भूलेंगे, जिनके लाल जींद-हांसी रोड पर दर्दनाक सड़क हादसे का शिकार हो गए थे। हिसार में आर्मी भर्ती में शामिल होकर लौट रहे ऑटो में सवार 11 युवकों को ईक्कस और रामराय के बीच तेज रफ्तार टैंकर ने कुचल दिया था। हादसे में गांव भिड़ताना के संजय, बूरा डहर के मंगल व रोबिन, पाजू कलां के दीपक, संजय, भारत, धड़ौली के सुमित, पिल्लूखेड़ा के अमित और जींद के प्रवीण, ऑटो चालक सोमी जिदगी की जंग हार गए थे। केवल परमजीत ही जिदा बच पाया था। परमजीत ने हिसार भर्ती में एक्सीलेंट में रेस क्लीयर की थी, लेकिन सड़क हादसे में उसके सिर, मुंह समेत शरीर में कई जगह चोटें आई थी। कई दिनों बाद परमजीत होश में आया था। ------

सुबह 4 बजे पहुंच जाता है एकलव्य स्टेडियम में

आर्मी की भर्ती को क्लीयर करने और अपने पिता के सपने को पूरा करने की खातिर परमजीत सुबह 4 बजे भिड़ताना गांव से हर रोज जींद के एकलव्य स्टेडियम में रेस लगाने और प्रेक्टिस करने के लिए आता है। भविष्य में कोई भी भर्ती हो, उसे क्लीयर करने की खातिर परमजीत जी-तोड़ मेहनत कर रहा है। --------------

क्या हुआ था उस रात : हादसे की कहानी, परमजीत की जुबानी

सड़क हादसे में मौत को छूकर आने वाले परमजीत ने बताया कि आर्मी का फिजिकल क्लीयर करने के बाद वह सभी थके-हारे थे। हांसी से जींद के लिए ऑटो बुक कर वह ऑटो में बैठते ही सो गए थे। वह खुद ऑटो में सबसे पिछली सीट पर बैठा था। तेल टैंकर के साथ टकराने की आवाज के साथ ही नींद टूटी, उसी पल वह बेहोश हो गया था। मौके पर पहुंचे लोगों के अनुसार परमजीत ऑटो में पिछली सीट पर बैठा था लेकिन हादसे के बाद वह ऑटो की बीच वाली सीट के पायदान में फंसा मिला। वह तीन युवकों के नीचे था और बाकी सभी युवक ऑटो चालक वाली सीट पर चिपके थे। -----------------

समाज सेवा में लगाया पैसा : सतीश

परमजीत के पिता सतीश ने बताया कि हादसे में उसके दूसरे बेटे संजय की मौत हो गई थी और परमजीत गंभीर था तो उस दौरान प्रशासन के अलावा हर्ष छिक्कारा समेत दूसरे समाज सेवियों ने उनकी आर्थिक मदद की थी। वह सहायता राशि उसने सामाजिक कार्य में ही लगा दी है। उन्होंने 51 हजार रुपये गुरुकुल में, 51 हजार मंदिर में और 51 हजार रुपये गोशाला में दान में दे दिए। बाकी पैसे भी वह समाज सेवा में ही खर्च करेंगे।

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