एकलव्य स्टेडियम को हैंडओवर करने की फाइल लॉक
जागरण संवाददाता जींद कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन तो अनलॉक हो गया है लेकिन शहर के एकलव्य स्टेडियम के लिए हैंडओवर की फाइल अभी लॉक ही है।
जागरण संवाददाता, जींद: कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन तो अनलॉक हो गया है, लेकिन शहर के एकलव्य स्टेडियम के लिए हैंडओवर की फाइल अभी लॉक ही है। तीन साल पहले एकलव्य स्टेडियम का उद्घाटन हो चुका है, लेकिन अभी तक यह खेल विभाग के अधीन नहीं हो पाया है। इस कारण न तो खेल विभाग का कार्यालय यहां शिफ्ट हो पा रहा है और न ही दूसरी खेल गतिविधि शुरू हो रही है। इसी साल फरवरी में इसके हैंडओवर की प्रक्रिया तेज हुई थी, लेकिन तब लॉकडाउन के कारण हैंडओवर की फाइल मुख्यालय पर ही अटक गई।
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के सेक्टर 9 में लगभग 12 करोड़ रुपये की लागत से एकलव्य खेल स्टेडियम बनाया गया है। सात मई 2017 को सीएम मनोहर लाल ने इसका उद्घाटन कर दिया था, लेकिन यह हुडा से खेल विभाग के अधीन नहीं हो पाया था। इसके बाद न तो खेल विभाग ने इसकी सुध ली और न ही हुडा। इस कारण स्टेडियम का भवन खंडहर बनने लगा। इसकी चहारदीवारी के रूप में बनी लोहे की ग्रिल और शीशे, दरवाजे टूटने लगे। अक्टूबर-2018 में खेल विभाग ने अपना कार्यालय एकलव्य स्टेडियम में शिफ्ट किया, लेकिन जैसे ही खेल विभाग को पता चला कि एकलव्य स्टेडियम का बिजली का बिल ही लाखों में है तो खेल विभाग ने अपना दफ्तर बाल दीवान रंगशाला में शिफ्ट कर लिया। जनवरी 2020 में डीसी ने मध्यस्थता करते हुए 25 लाख रुपये का बिजली बिल भराने को लेकर हुडा को राजी किया और एग्रीमेंट हुआ कि 31 जनवरी, 2020 तक का बकाया बिजली बिल हुडा भरेगा। हैंडओवर की फाइल मुख्यालय भेजी गई। इसी बीच कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन हो गया और फाइल वहीं पर अटक गई। अभी तक इस मामले में किसी तरह की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई है। कार्यशौली का खामियाजा भुगत रहे खिलाड़ी
अगर एकलव्य खेल स्टेडियम खेल विभाग के अधीन हो जाता है तो खिलाड़ियों को इसका बड़ा फायदा होता लेकिन हुडा की ढीली कार्यशैली की वजह से जिले भर के खिलाड़ी इसका खामियाजा भुगत रहे हैं। स्टेडियम की कमी के कारण खिलाड़ियों का हुनर पूरी तरह से नहीं तराशा जा रहा। हुडा की तरफ से कार्रवाई बाकी : डीएसओ
जिला खेल और युवा कार्यक्रम अधिकारी विनोद बाला ने कहा कि हुडा विभाग द्वारा ही उन्हें स्टेडियम हैंडओवर किया जाना है। इस बारे में वह अभी कुछ नहीं बता सकती कि कब तक यह खेल विभाग के अधीन हो जाएगा।