तीनों कृषि कानून वापस कराकर ही घर आएंगे किसान : जोगिद्र
खटकड़ टोल पर चल रहे धरने पर किसान नेता जोगिद्र उगराह और महिला किसान नेत्री सुमन हुड्डा पहुंची। धरने की अध्यक्षता डोहाला के रणधीर सिंह ने की।
संवाद सूत्र, उचाना : खटकड़ टोल पर चल रहे धरने पर किसान नेता जोगिद्र उगराह और महिला किसान नेत्री सुमन हुड्डा पहुंची। धरने की अध्यक्षता डोहाला के रणधीर सिंह ने की। बुधवार को सांकेतिक भूख हड़ताल पर फूलपति, सरस्वती, सुमित्रा, मेवा जुलानी रही। जोगिद्र उगराह ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों की वापसी तक दिल्ली बॉर्डर पर धरना जारी रहेगा। कोरोना संक्रमण देश में फैला रहा है। फिर भी पश्चिमी बंगाल में चुनाव में हजारों लाखों की भीड़ की सभाएं हो रही हैं। भीड़भाड़ से दूर रहने का संदेश देने वाले नेता ही हजारों, लाखों लोगों की भीड़ को संबोधित करते हैं। गेहूं का सीजन अब खत्म हो चुका है। किसानों की भागीदारी दोबारा से दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे धरनों पर होने लगी है।
सुमन हुड्डा ने कहा कि इस किसान आंदोलन में महिलाओं की हिस्सेदारी भी कम नहीं है। घर, खेत का कामकाम वो संभाल रही हैं। धरनों पर भी वो समय दे रही है। महिलाओं ने अपने परिवारों के सदस्यों को कह दिया है कि वो दिल्ली बॉर्डर पर धरनों पर जाए। खेत, घर के काम वो खुद कर लेंगी। इंसानियत के नाते सरकार तीनों कृषि कानूनों को तुरंत वापस ले।
एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
किसानों ने जींद एसडीएम राजेश कुमार को डीसी के नाम ज्ञापन सौंपा। एसडीएम धरना स्थल पर ही ज्ञापन लेने पहुंचे थे। किसानों ने 25 अप्रैल को जींद में प्रस्तावित भाजपा नेताओं के कार्यक्रम को स्थगित करने की मांग की। भाकियू जिलाध्यक्ष आजाद पालवां ने कहा कि महापंचायत में लिए फैसले के अनुसार 25 अप्रैल को अगर बीजेपी नेता जींद में कार्यक्रम करते हैं, तो उसका विरोध किया जाएगा। क्षति पूर्ति कानून को भी सरकार वापस ले। इस मौके पर सतबीर पहलवान बरसोला, सुरेश कोथ, सिक्किम सफा खेड़ी, कविता खरकरामजी, सुरेंद्र, प्रियंका, शीला छात्तर, राजबाला खटकड़, शीला जुलानी, राकेश खटकड़, ओमप्रकाश घासो मौजूद रहे।