एसीएस से बोले किसान: एजेंसी की मिलीभगत से ज्यादा नमी की कटौती काटकर लिया जा रहा पूरा रेट

मेला मंडी का हरियाणा सरकार के सूक्ष्म छोटे तथा मध्यम उद्यमी विभाग के महानिदेशक विकास गुप्ता ने दौरा किया। इस दौरान उनके साथ उपायुक्त नरेश नरवाल रहे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 09:40 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 09:40 AM (IST)
एसीएस से बोले किसान: एजेंसी की मिलीभगत से ज्यादा नमी की कटौती काटकर लिया जा रहा पूरा रेट
एसीएस से बोले किसान: एजेंसी की मिलीभगत से ज्यादा नमी की कटौती काटकर लिया जा रहा पूरा रेट

संवाद सूत्र, नरवाना : मेला मंडी का हरियाणा सरकार के सूक्ष्म, छोटे तथा मध्यम उद्यमी विभाग के महानिदेशक विकास गुप्ता ने दौरा किया। इस दौरान उनके साथ उपायुक्त नरेश नरवाल, एडीसी साहिल गुप्ता, एसडीएम सुरेंद्र सिंह, तहसीलदार विजय कुमार, सहायक सचिव रोशनलाल आदि अधिकारी मौजूद रहे। महानिदेशक विकास गुप्ता को मेला मंडी का दौरा कर अनेक खामियां देखने को मिली। किसानों ने कहा कि उनकी 17 फीसद से दो प्वाइंट ज्यादा की नमी को भी नहीं खरीदा जा रहा है। जबकि 21 प्रतिशत की नमी तक फसल को कटौती काटकर एजेंसी व मिलर्स की मिलीभगत से खरीदा जा रहा है। जिससे किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य में धान बेचनी पड़ रही है। वहीं एंजेसी व मिलर्स सरकार से पूरे दाम वसूल कर रहे हैं। किसानों के आरोप सुनकर महानिदेशक ने कई ढेरियों की नमी जांच करवाई। जहां निर्धारित नमी से ज्यादा पाई गई। वहीं उन्होंने बैगों में भरी धान की नमी धान की जांच करवाई, तो वहां भी 17 से 21 फीसद की नमी मिली। उन्होंने एक ढेरी पर जाकर किसान से धान कितने क्विंटल लाई गई है, के बारे में पूछा। लेकिन किसान के बताने व हैफेड रजिस्टर में अंतर पाया गया। जिसके लिए उन्होंने फटकार भी लगाई। किसानों ने कहा कि कम दाम में लेकर एजेंसी अधिकारी सरकारी रेट ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि डीसी के आदेशों के बावजूद भी दो बोलियां नहीं करवाई जा रही है, जिससे किसान की कई दिन तक धान नहीं बिक पा रही है। वहीं उनको अवगत करवाया गया कि मिलों की संख्या कम होने के कारण धान औने-पौने में बिक रही है, इसलिए ज्यादा धान की आवक को देखते हुए बाहर की मिलों को अलाट किया जाये। ताकि किसानों का एक-एक दाना बिक सके। किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि एजेंसी, मार्केट कमेटी व मिलर्स के मीटरों में अलग-अलग नमी दिखाई जाती है। इसलिए इनकी जांच होनी चाहिए। महानिदेशक ने एक मीटर एसडीएम के पास भी होगा, अगर कहीं दिक्कत होती है, तो एसडीएम के मीटर से भी जांच करवाई जा सकती है। इस अवसर पर डीएम हैफेड पुनीत पंघाल, एमडी हैफेड यशपाल, एडिनशनल जीएम एफसीआई जितेंद्र सिंह, अमित ढाकल आदि मौजूद रहे।

हैफेड के कर्मचारियों की ड्यूटी हटाने की उठी फिर मांग

मार्केट कमेटी कार्यालय में धरने पर बैठे किसानों ने कहा कि धान पूरे एमएसपी रेट पर बिक सकती है, अगर एजेंसी व मार्केट कमेटी अधिकारी चाहे तो। लेकिन किसानों को इतना परेशान किया जा रहा है कि उनको औने-पौने दाम में ही धान बेचनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि हैफेड कर्मचारी नरेश कुमार की आढ़त की दुकान होने के कारण वो किसानों की धान को एमएसपी रेट पर नहीं बिकने दे रहा है। वहीं उसके साथ कर्मचारी सुरेश सच्चाखेड़ा भी किसानों को परेशान कर रहा है। इसलिए उनकी ड्यूटी बदली जाये। डीसी ने कहा कि उनकी पहले भी शिकायत आ चुकी है, तो एसडीएम एक इंटेलिजेंस का गठन करेगा और उनकी जांच की जायेगी। अगर उनकी जांच में कमी पाई जाती है, तो उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जायेगी और उनको बदला जायेगा।

वर्जन

बैगों में भरी धान में 21 प्रतिशत से ज्यादा नमी पाये जाने पर इसकी जांच करवाई जाएगी। किसानों को पूरे दाम मिलेंगे या नहीं। इसमें जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

-विकास गुप्ता, एसीएस, हरियाणा सरकार

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