यूरिया लेने के लिए लाइनों में लगे किसान, एक को मिले अधिकतम पांच बैग

जींद में इन दिनों यूरिया के लिए मारामारी है। बुधवार को जिले में यूरिया के करीब 30 हजार बैग पहुंचे। जो कृषि विभाग की तरफ से जिले में सहकारी दुकानों पर पहुंचाए गए।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 19 Aug 2021 08:16 AM (IST) Updated:Thu, 19 Aug 2021 08:16 AM (IST)
यूरिया लेने के लिए लाइनों में लगे किसान, एक को मिले अधिकतम पांच बैग
यूरिया लेने के लिए लाइनों में लगे किसान, एक को मिले अधिकतम पांच बैग

जागरण संवाददाता, जींद : जिले में इन दिनों यूरिया के लिए मारामारी है। बुधवार को जिले में यूरिया के करीब 30 हजार बैग पहुंचे। जो कृषि विभाग की तरफ से जिले में सहकारी दुकानों पर पहुंचाए गए। जैसे ही किसानों को सहकारी दुकानों पर यूरिया आने की सूचना मिली। काफी संख्या में किसान खाद लेने के लिए पहुंच गए। ज्यादा किसानों के आने की वजह से कर्मचारियों को दुकान के बाहर किसानों की लाइन बनवानी पड़ी और बारी-बारी से एक-एक किसान को अधिकतम पांच बैग यूरिया के दिए गए। किसानों के आधार कार्ड पर उसका पता भी चेक किया जा रहा था और जिले से बाहर के किसानों को यूरिया नहीं दिया गया। इस दौरान कृषि विभाग के क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर नरेंद्र पाल ने भी दुकानों का दौरा किया और कर्मचारियों को व्यवस्थित तरीके से खाद का वितरण करने के आदेश दिए। गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से जिले में यूरिया की किल्लत है। किसान यूरिया के लिए दुकानों के चक्कर काट रहे हैं। प्राइवेट इसका फायदा उठाते हुए यूरिया के साथ किसानों को दवाइयां भी खरीदने को मजबूर कर रहे हैं।

सहकारी दुकानों और पैक्स पर ही भेजा जाए खाद

जींद पुरानी अनाज मंडी में सहकारी खरीद केंद्र के सेल्समैन अमित ने बताया कि निजी दुकान वाले किसानों को ब्लैक में खाद बेच रहे हैं और मनमाने तरीके से खराब दवाइयां दे रहे हैं। इसलिए सरकार को यूरिया सहकारी दुकानों और पैक्स में भेजना चाहिए। बुधवार को जितना खाद उनके पास आया, किसानों में बराबर उसका वितरण किया गया।

जल्द पहुंचेगा और खाद, नहीं रहेगी कोई कमी

क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर नरेंद्र पाल ने बताया कि बुधवार को करीब 30 हजार यूरिया के बैग जिले में पहुंचे हैं। जिन्हें जिले में सहकारी खरीद केंद्रों पर पहुंचाया गया है। जरूरत के अनुसार सभी किसानों को खाद दिया जा रहा है। जल्द ही जिले में और भी यूरिया का स्टाक पहुंचने वाला है। जिससे खाद की कोई कमी नहीं रहेगी। पिछले साल जितना ही यूरिया पहुंच चुका है। लेकिन इस साल यूरिया की खपत ज्यादा हुई है।

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