सूत्रकृमि के बचाव को फसल चक्र जरूर अपनाएं किसान
चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र पांडु पिडारा में मंगलवार को किसान गोष्ठी हुई इसमें किसानों को जागरूक किया गया।
जागरण संवाददाता, जींद : चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र पांडु पिडारा में मंगलवार को किसान गोष्ठी हुई, जिसमें कृषि विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष डा. आरएस कंवर और केंद्र प्रभारी डा. बीपी राणा मौजूद रहे।
डा. कंवर ने किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि सूत्रकृमि ऐसे सूक्ष्म जीव होते हैं, जिनको नंगी आंखों से देख पाना सरल नहीं होता। ये सूत्रकृमि फसलों, बागों, पोली हाउस वगैरह को बुरी तरह से नष्ट करने की शक्ति रखते हैं। यदि समय पर इनसे बचाव न किया जाए तो फसलें बुरी तरह से प्रभावित हो सकती हैं। बागों व पोली हाऊस में ये नर्सरी से आगमन कर लेते हैं, जिससे किसानों को विशेष सावधानी रखनी पड़ती है। डा. जयदीप ने बागवानी फसलों व नर्सरियों में सूत्रकृमियों की समस्या व उनके रोकथाम के बारे में जानकारी दी। डा. विनोद कुमार ने पोली हाउस में उगाई जाने वाली फसलों को सूत्रकृमियों से बचाव के बारे में बताया कि फसल चक्र को अपनाना चाहिए। गर्मियों के मौसम में गहरी जुताई करनी चाहिए। दवाई की जरूरत हो तो पौधशाला में प्रति वर्ग मीटर 7 ग्राम कार्बोफेरोन डालनी चाहिए।
केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. रामदयाल पंवार ने बागवानी फसलों की जानकारी दी। डा. बीपी राणा ने किसानों से आर्गेनिक खेती अपनाने का आह्वान किया। डा. राजेश ने मौसम संबंधी विषयों की जानकारी दी।
रिटोली व बनिया खेड़ा में मलेरिया, डेंगू पर जागरूक किया
जींद: उप स्वास्थ्य केंद्र रिटोली के अंतर्गत गांव रिटोली, बनिया खेड़ा गांव में घर घर जाकर बुखार से पीड़ित रोगी की स्लाइड बनाई। गांव में फीवर मास सर्वे किया। घर-घर जाकर मलेरिया, डेंगू, कोरोना वायरस के बचाव के तरीके बताए। निर्मल मोरखी ने बताया कि बुखार आने पर तुरंत रक्त की जांच करवाएं। घरों के आसपास पानी एकत्रित न होने दें। खड़े पानी में काला तेल डाल दें और टंकी व कूलर के पानी को सप्ताह में एक बार अवश्य खाली करें। सर्वे में सरोज, आशा, संतोष, मूर्ति राजरानी, अंजू आशा वर्कर भी शामिल रहे।