मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत किसान 15 जुलाई तक करा सकते हैं पंजीकरण
धान की बजाय पानी की बचत वाली दूसरी फसलों की बिजाई करने के इच्छुक किसान अब योजना का लाभ लेने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर 15 जुलाई तक पंजीकरण करा सकते हैं।
जागरण संवाददाता, जींद : सरकार द्वारा लागू की गई फसल विविधीकरण योजना के तहत धान की बजाय पानी की बचत वाली दूसरी फसलों की बिजाई करने के इच्छुक किसान अब योजना का लाभ लेने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर 15 जुलाई तक पंजीकरण करा सकते हैं।
सरकार की ओर से पोर्टल पर पंजीकरण कराने की अंतिम तिथि पहले 25 जून निर्धारित की गई थी, जिसे बढ़ाकर अब 15 जुलाई कर दिया गया है।
डीसी डा. आदित्य दहिया ने बताया कि पिछले साल मेरा पानी, मेरी विरासत योजना के तहत फसल विविधीकरण अपनाने वाले किसानों को इस साल भी योजना के तहत प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया गया है लेकिन उसके लिए किसानों को धान के खेत में उसी वैकल्पिक फसल की बुवाई जारी रखनी होगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसानों को मेरा पानी, मेरी विरासत और मेरी फसल, मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। डीसी ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वह सरकार की मेरा पानी, मेरी विरासत योजना का लाभ उठाएं। सरकार ने प्रदेश में गिरते भूजल स्तर को ध्यान में रखते हुए पानी की बचत करने के मकसद से इस योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत किसानों को धान के स्थान पर कम पानी लागत वाली वैकिल्पक फसलों (कपास, मक्का, दलहन, मूंगफली, तिल, ग्वार, अरंड, सब्जियां व फल) की बिजाई करने पर उन्हें सात हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। जो किसान धान की जगह चारा उगाते हैं या अपने खेत खाली भी रखते हैं, उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा।