सातवें दिन भी स्वजनों ने नहीं उठाया शव, सरकार का फूंका पुतला

पिछले सप्ताह बेसहारा पशु पकड़ते समय बाइक की टक्कर लगने से मरने वाले सुनील का शव स्वजनों ने शुक्रवार को भी शवगृह से नहीं उठाया। स्वजनों ने शुक्रवार को प्रदर्शन करते हुए सीएम और डिप्टी सीएम का पुतला फूंका। इस दौरान एसडीएम दलबीर सिंह डीएसपी धर्मबीर और भारी संख्या में पुलिस मौके पर तैनात रही। स्वजन प्रदर्शन कर लघु सचिवालय के अंदर पुतला फूंकना चाहते थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। जिसके बाद स्वजनों ने गोहाना रोड पर पुतला फूंका और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 07:04 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 07:04 AM (IST)
सातवें दिन भी स्वजनों ने नहीं उठाया शव, सरकार का फूंका पुतला
सातवें दिन भी स्वजनों ने नहीं उठाया शव, सरकार का फूंका पुतला

जागरण संवाददाता, जींद : पिछले सप्ताह बेसहारा पशु पकड़ते समय बाइक की टक्कर लगने से मरने वाले सुनील का शव स्वजनों ने शुक्रवार को भी शवगृह से नहीं उठाया। स्वजनों ने शुक्रवार को प्रदर्शन करते हुए सीएम और डिप्टी सीएम का पुतला फूंका। इस दौरान एसडीएम दलबीर सिंह, डीएसपी धर्मबीर और भारी संख्या में पुलिस मौके पर तैनात रही। स्वजन प्रदर्शन कर लघु सचिवालय के अंदर पुतला फूंकना चाहते थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। जिसके बाद स्वजनों ने गोहाना रोड पर पुतला फूंका और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। स्वजन मृतक सुनील की पत्नी को डीसी रेट पर नौकरी और 20 लाख रुपये आर्थिक सहायता की मांग कर रहे हैं। प्रशासन के साथ मांगों पर सहमति नहीं बनने पर लगातार धरना जारी है।

जिला नगर आयुक्त संजय बिश्नोई, एसडीएम दलबीर सिंह, नगर परिषद ईओ सुशील कुमार के साथ स्वजनों और समाज के गणमान्य व्यक्तियों की बैठक भी हो चुकी है। लेकिन सहमति नहीं बन रही। प्रशासन पार्ट वन के तहत डीसी रेट पर नौकरी और नियमानुसार आर्थिक सहायता देने पर सहमत है। लेकिन स्वजन मृतक की पत्नी को पार्ट-2 के तहत डीसी रेट पर नौकरी देने की मांग कर रहे हैं। समाज के नेता देवीदास ने बताया कि एक सप्ताह से पीड़ित परिवार धरने पर बैठा है। लेकिन सरकार और प्रशासन कोई सुध नहीं ले रहा। इसलिए मजबूरीवश शुक्रवार को सरकार का पुतला फूंका गया। जब तक सरकार पीड़ित परिवार को न्याय नहीं देती, तब तक धरना जारी रहेगा और शव नहीं उठाया जाएगा। -------------

पीड़ित परिवार से हमदर्दी है। नियमानुसार जो आर्थिक मदद बनती है, वो प्रशासन देने को तैयार है। डीसी रेट पर मृतक की पत्नी को नौकरी भी देने को तैयार हैं। स्वजनों से अपील है कि वे शव को अस्पताल से ले जाकर अंतिम संस्कार करें।

सुशील कुमार, ईओ, नगर परिषद

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