43 आउटसोर्स कर्मियों को हटाने के विरोध में स्वास्थ्य सेवाएं की ठप

आउटसोर्स कर्मचारियों को निकालने के विरोध में स्वास्थ्य कर्मचारी तालमेल कमेटी के आह्वान पर स्वास्थ्य कर्मियों ने मंगलवार को दो घंटे तक स्वास्थ्य सेवाओं को ठप रखा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 10:14 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 10:14 PM (IST)
43 आउटसोर्स कर्मियों को हटाने के विरोध में स्वास्थ्य सेवाएं की ठप
43 आउटसोर्स कर्मियों को हटाने के विरोध में स्वास्थ्य सेवाएं की ठप

जागरण संवाददाता, जींद : कोरोना काल में काम करने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों को निकालने के विरोध में स्वास्थ्य कर्मचारी तालमेल कमेटी के आह्वान पर स्वास्थ्य कर्मियों ने मंगलवार को दो घंटे तक स्वास्थ्य सेवाओं को ठप रखा। स्वास्थ्य कर्मियों ने चेताया कि अगर एक सप्ताह आउटसोर्स कंपनी ने पुराने कर्मचारियों की लिस्ट जारी नहीं की दस अगस्त को पूरे जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को ठप कर दिया जाएगा। कर्मचारियों ने स्वास्थ्य सेवाओं को ठप करके नए भवन के मुख्य गेट के बाहर धरना दिया। दो घंटे तक स्वास्थ्य सेवाएं नहीं चलने के कारण मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी। धरने का नेतृत्व करते हुए सर्व कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष रामफल दलाल व प्रदेश कमेटी के सलाहकार राजबीर बेरवाल ने कहा कि आउटसोर्सिग का ठेका कंपनी को दिया गया है। ठेकेदार ने पूर्व में कार्य कर रहे आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को बाहर कर नई भर्ती शुरू कर दी। नई ज्वाइनिग की एवज में अच्छी खासी राशि भी वसूली गई। जब स्वास्थ्य कर्मियों ने विरोध किया तो कुछ आउटसोर्सिग कर्मियों को रख लिया गया, जबकि 43 कर्मियों को अभी भी ज्वाइनिग नहीं दी गई। जो कर्मी आउटसोर्सिग के तहत कार्य कर रहे है उनका काम भी बदल दिया गया और उनकी ट्रांसफर भी की जा रही है। अधिकारियों को कई बार अवगत करवाया जा चुका है लेकिन 43 कर्मचारियों को दोबारा ज्वाइन नहीं करवाया गया। उन्होंने कहा कि मंगलवार को दो घंटे के लिए स्वास्थ्य सेवाएं बाधित की गई है अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो दस अगस्त को जिलेभर की स्वास्थ्य सेवाएं ठप कर दी जाएंगी। बाद में कर्मचारियों ने सिविल सर्जन कार्यालय के सामने भी रोष प्रदर्शन किया।

दो घंटे स्वास्थ्य सेवा ठप, मरीज हुए परेशान

आउटसोर्सिंग कर्मियों के समर्थन में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने तीन घंटे तक स्वास्थ्य सेवाओं को ठप रखा। हालांकि इमरजेंसी सेवाएं जरूर बहाल रही। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी धरने पर बैठे रहे वहीं इलाज करवाने पहुंचे मरीजों का रजिस्ट्रेशन भी नहीं हो रहा था। न ही दवा वितरण का कार्य हो पा रहा था। रजिस्ट्रेशन खिड़की तथा दवाइयों की खिड़की पर अच्छी खासी भीड़ जमा रही। 10 बजे तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद कर्मचारी अपनी सीटों पर लौटे जिसके बाद ही स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर लौट सकी। आउटसोर्सिग जिला प्रधान व सुपरवाइजर के बीच हुई बहस

कर्मचारियों का धरना समाप्त होने के बाद आउटसोर्सिग के जिला प्रधान सोनू बूरा व आउटसोर्सिग सुपरवाइजर का आमना सामना हो गया। सोनू का कहना था कि सुपरवाइजर कर्मचारियों को संघर्ष में शामिल न होने की चेतावनी दे रहा था। जब उसने आउटसोर्सिंग कर्मियों को धमकाने का विरोध किया तो वह तू तड़ाक पर उतर आया। दोनों के बीच खिचतान होती देख काफी संख्या में आउटसोर्सिग कर्मी एकत्रित हो गए। बाद में नागरिक अस्पताल चौकी प्रभारी ने मौके पर पहुंच मामले को शांत कराया।

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