लॉकडाउन में 25 गांवों में गश्त की जिम्मेदारी निभाई एसपीओ बबली ने

कोरोना महामारी की शुरूआत में जब लोग घर से बाहर निकलने में भी डरते थे उस समय हरियाणा पुलिस में स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) बबली ने फ्रंट पर रहकर कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही थी। महिला होते हुए भी बबली नहीं घबराई और कोरोना को काबू करने के लिए निष्ठा के साथ अपनी ड्यूटी की और कोरोना योद्धा कहलाई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 06:39 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 06:39 AM (IST)
लॉकडाउन में 25 गांवों में गश्त की जिम्मेदारी निभाई एसपीओ बबली ने
लॉकडाउन में 25 गांवों में गश्त की जिम्मेदारी निभाई एसपीओ बबली ने

जागरण संवाददाता, जींद : कोरोना महामारी की शुरूआत में जब लोग घर से बाहर निकलने में भी डरते थे, उस समय हरियाणा पुलिस में स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) बबली ने फ्रंट पर रहकर कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रही थी। महिला होते हुए भी बबली नहीं घबराई और कोरोना को काबू करने के लिए निष्ठा के साथ अपनी ड्यूटी की और कोरोना योद्धा कहलाई। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान एसपीओ बबली और उनकी टीम पर सदर थाना क्षेत्र के तहत आने वाले 25 गांवों को कोरोना से बचाने की जिम्मेदारी थी। बबली ने बताया कि लॉकडाउन की घोषणा के बाद सदर थाना के तहत आने वाले निर्जन, खोखरी, बोहतवाला, दालमवाला, पिडारा, बराह, मांडो खेड़ी, मनोहरपुर, लोहचब, बराह, खरकरामजी, सिधवी खेड़ा, पिडारा, रधाना, निडानी, ललित खेड़ा, अशरफगढ़ समेत 25 से ज्यादा गांवों में गश्त कर लोगों को बिना काम के घर से बाहर निकलने से रोकने की जिम्मेदारी उनकी टीम पर थी। वह सुबह ही अपनी ड्यूटी पर निकलती और देर शाम को वापस लौटती। इस दौरान गांवों में ताश खेलने वाले युवाओं, बाहर घूम रहे लोगों, खेल रहे बच्चों को कोरोना बीमारी के प्रति जागरूक करते हुए उन्हें घर में ही रहने की सलाह देती। इस दौरान मुंह पर मास्क और शारीरिक दूरी के नियम का पालन करने के लिए कहा जाता। दिन भर ड्यूटी करने के बाद वह घर पहुंचने में भी लेट हो जाती थी। कोरोना काल में उस दोहरी जिम्मेदारी के साथ खुद को कोरोना से बचाना और फिर लोगों को महामारी से बचाव की खातिर जागरूक करने में वह खाना-पीना तक भूल गई थी। इस तरह की सभी परिस्थितियों से लड़कर कोरोना की जंग में जीतते हुए एसपीओ बबली सच में देवी का रूप साबित हुई।

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