लॉकडाउन में बड़ा सहारा बनी मनरेगा, 26157 लोगों का मिला काम
कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में जब श्रमिकों समेत दूसरे लोगों का काम-धंधा छिन गया था तब महात्मा गांधी नरेगा योजना रोजी-रोटी का बड़ा सहारा बनी थी।
प्रदीप घोघड़ियां, जींद
कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में जब श्रमिकों समेत दूसरे लोगों का काम-धंधा छिन गया था, तब महात्मा गांधी नरेगा योजना रोजी-रोटी का बड़ा सहारा बनी थी। लॉकडाउन में भी जिले में मनरेगा के तहत 26157 लोगों को काम मिला, जिसके सहारे उन्होंने अपना और परिवार का पेट पालने का काम किया। जून महीने तक मनरेगा डिपार्टमेंट को 196116 कार्यदिवस सृजित करने का टारगेट था लेकिन विभाग ने इससे कहीं ज्यादा 292588 कार्यदिवस सृजित कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को मनरेगा के तहत काम दिया।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना(मनरेगा) की शुरूआत 2005 में हुई थी। इसका उद्देश्य गांव का विकास तथा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रोजगार प्रदान करना है। मनरेगा के तहत काम करने के लिए सबसे पहले जॉब कार्ड बनवाना पड़ता है। जॉब कार्ड बनने के बाद मनरेगा योजना में ग्रामीण लोगों को अपने परिवेश में ही रोजगार प्राप्त हो जाता है। योजना के अंतर्गत 100 कार्य दिवस के रोजगार की गारंटी दी गई है। पहले मनरेगा के तहत 190 रुपये प्रतिदिन मिलते थे। अब इसे बढ़ाकर 309 रुपये कर दिया गया है। कोरोना कॉल में जब हर जगह काम-धंधे ठप हो गए थे तो उस दौरान मनरेगा के तहत काम कर हजारों लोगों ने अपनी आजीविका चलाई थी।
टारगेट से ज्यादा काम दिया विभाग ने
यूं तो सामान्य रूप से मनरेगा के तहत जॉब कार्ड बनवाने के लिए लोग आते थे लेकिन लॉकडाउन के कारण काम-धंधे बंद हुए तो जॉब कार्ड बनवाने वाले लोगों की संख्या बढ़ी। मनरेगा के तहत काम की डिमांड बढ़ी और टारगेट से ज्यादा काम मनरेगा विभाग ने श्रमिकों को दिया। जून 2020 तक विभाग को 196116 कार्यदिवस सृजित करने थे लेकिन विभाग ने 292588 कार्यदिवस सृजित किए। मनरेगा के तहत कच्चे व पक्के दोनों तरह के काम करवाए जाते हैं।
मनरेगा के तहत होते हैं यह काम
-जल संरक्षण
-सूखे की रोकथाम के अंतर्गत पौधरोपण
-बाढ़ नियंत्रण
-भूमि विकास
-विभिन्न तरह के आवास निर्माण
-लघु सिचाई, बागवानी
-ग्रामीण संपर्क मार्ग
-कोई भी ऐसा कार्य जिसे केन्द्र सरकार राज्य सरकारों से सलाह लेकर अधिसूचित करती है।
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803 में से 363 काम शुरू : राकेश कुमार
मनरेगा स्कीम के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 में 803 कार्य होने हैं, जिनमें से 363 कार्य शुरू करवाए जा चुके हैं। 363 कार्य ग्राम पंचायतों द्वारा तो 437 कार्य सिचाई विभाग, कृषि विभाग समेत दूसरे विभागों द्वारा करवाए जाने हैं। डीसी डॉ. आदित्य दहिया एवं एडीसी डॉ. सत्येंद्र दूहन के दिशा-निर्देशन में कार्य को सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है।
--राकेश कुमार, पीओ, मनरेगा स्कीम
वर्जन
मनरेगा के तहत काम करवाने के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिग का पूरा ध्यान रखा जाता है। कर्मचारियों के हाथ सैनिटाइज करवाए जाते हैं तो धूम्रपान, गुटखा और पान खाने की सख्त मनाही है। विभाग का प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को मनरेगा के तहत काम मिले। कोई भी मनरेगा के तहत जॉब कार्ड बनवा सकता है। इसके लिए राशन कार्ड, आधार कार्ड और बैंक पासबुक की जरूरत पड़ेगी।
-बिजेंद्र हुड्डा, सीईओ, जींद