नरवाना में आदेशों के बावजूद दो बोली नहीं होने पर किसानों ने मंडी गेट पर जड़ा ताला

डीसी नरेश नरवाल ने नरवाना की दोनों अनाज मंडियों में प्रतिदिन दो बोली करवाने के मौखिक आदेश अधिकारियों को दिए थे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 06:27 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 06:27 AM (IST)
नरवाना में आदेशों के बावजूद दो बोली नहीं होने पर किसानों ने मंडी गेट पर जड़ा ताला
नरवाना में आदेशों के बावजूद दो बोली नहीं होने पर किसानों ने मंडी गेट पर जड़ा ताला

संवाद सूत्र, नरवाना : डीसी नरेश नरवाल ने नरवाना की दोनों अनाज मंडियों में प्रतिदिन दो बोली करवाने के मौखिक आदेश अधिकारियों को दिए थे। ताकि किसानों को फसल बेचने में कोई परेशानी ना हो। लेकिन उनके आदेशों के बावजूद भी दो बोली नहीं होने पर किसान बार-बार मेला मंडी को ताला लगा रहे हैं। वीरवार को भी किसानों ने मार्केट कमेटी कार्यालय और मेला मंडी के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया। किसानों का कहना है कि प्रतिदिन एजेंसी द्वारा दो बोली करा दी जाएं, तो फसल जल्दी बिक जाएगी और उसको कई-कई दिन तक नहीं बैठना पड़ेगा। बुधवार को मेला मंडी में दो बोली करवाई गई थी। जिससे किसानों की काफी फसल बिक चुकी थी। लेकिन बृहस्पतिवार को एफसीआई की खरीद का दिन आया, तो केवल एक ही बोली शुरू करवाई गई। जबकि एफसीआई एजेंसी को भी दो बोली करवाने के आदेश दिए गए हैं। किसानों ने मार्केट कमेटी के सहायक सचिव रोशनलाल से एफसीआइ द्वारा दो बोली करवाने की बात कही गयी, तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये। जिसके बाद किसानों ने मार्केट कमेटी कार्यालय के गेट को ताला लगा दिया गया। जिससे कर्मचारी गेट के अंदर ही रूक गए। इसके बाद किसानों ने वहां से उठकर मेला मंडी के मुख्य गेट पर ताला लगा दिए। किसानों का कहना था कि जब तक एसडीएम को मौके पर नहीं बुलाया जाता, तब तक वे गेट नहीं खोलेंगे। गेट पर ताला लगाने से मंडी के अंदर व बाहर ट्रैक्टर-ट्राली और ट्रक की लंबी लाइन लग गई। किसानों को समझाने के लिए मंडी एसोसिएशन के प्रधान शशिकांत शर्मा भी आए और उन्होंने किसानों को समझाया कि एफसीआइ द्वारा बोली करवाई जा रही है। किसानों ने उनकी बात को अनसुना कर दिया। वहीं प्रधान ने सहायक सचिव रोशनलाल से बातचीत की। जिसके बाद वे दोनों किसानों के पास गए। किसानों ने कहा कि प्रतिदिन दो बोली होनी चाहिए और हो सके, तो तीसरी बोली भी कराई जाए। बोली सुबह नौ बजे से शाम तक जारी रहनी चाहिए। सहायक सचिव ने आश्वासन दिया कि उनकी समस्या के समाधान के लिए दो बोली तो होंगी ही, साथ में तीसरी बोली भी शुरू करवाने का प्रयास किया जाएगा। जिसके बाद किसान उनके आश्वासन पर संतुष्ट हो गये और लगभग सवा दो घंटे के बाद गेट का ताला खोला दिया।

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