सफीदों में डेंगू से दो की मौत, जिले में अब तक 49 पीड़ित

कोरोना महामारी के बाद जिले में डेूंग का कहर बढ़ता जा रहा है। जिले में अब तक डेंगू के 49 केस सामने आ चुके हैं। दो लोगों की मौत भी हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 08:18 AM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 08:18 AM (IST)
सफीदों में डेंगू से दो की मौत, जिले में अब तक 49 पीड़ित
सफीदों में डेंगू से दो की मौत, जिले में अब तक 49 पीड़ित

जागरण संवाददाता, जींद/सफीदों: कोरोना महामारी के बाद जिले में डेूंग का कहर बढ़ता जा रहा है। जिले में अब तक डेंगू के 49 केस सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सफीदों के वार्ड-13 और गांव ऐंचरा कलां में डेंगू से दो लोगों की मौत हो गई। जिलेभर के निजी व सरकारी अस्पतालों में बुखार पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। डेंगू के लिए सितंबर व अक्टूबर माह पीक माना जाता है।

सफीदों के वार्ड-13 निवासी 40 वर्षीय रविद्र कई दिन से बुखार से पीड़ित था। सोमवार को उसकी हालत खराब हुई। जब उसकी प्लेटलेट्स चेक करवाई गई तो 60 हजार आई। अगले दिन घटकर 13 हजार रह गईं। प्लेटलेट़स घटने पर उसे करनाल के निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। वहां उसे प्लेटलेट्स भी चढ़वाई, मगर तब तक स्थिति गंभीर हो चुकी थी और रविद्र जिदंगी की जंग हार गया। रविद्र की मौत के बाद परिवार में मातम पसरा हुआ है। वहीं, गांव ऐंचरा कलां के 78 वर्षीय फूल सिंह की भी डेंगू के कारण मौत हो गई। नागरिक अस्पताल के डिप्टी सीएमओ (मलेरिया) डा. तीर्थ बागड़ी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग को 78 वर्षीय डेंगू मरीज फूल सिंह की मौत की सूचना भगत सिंह खानपुर सोनीपत से मिली है। जबकि सफीदों के वार्ड 13 निवासी रविद्र की डेंगू से हुई मौत का मामला विभाग के संज्ञान में नहीं आया है। ऐसा हुआ है तो स्वास्थ्य अधिकारियों के माध्यम से पता करवाया जाएगा। प्रशासन ने भी अपने स्तर पर डेंगू के खिलाफ जंग को लेकर कार्रवाई को तेज कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग व नगर परिषद के पास मरीज आने के बाद संबंधित एरिया में पाजीटिव लोगों के घरों व आसपास के घरों में फोगिग करवाई जा रही है। फोगिग की पर्याप्त मशीनें व पर्याप्त दवाई न होने के चलते भी परेशानी आ रही है।

वायरल बुखार से प्रभावित मरीजों की संख्या बढ़ी

जिला में वायरल बुखार भी अपने पैर पसार रहा है। नागरिक अस्पताल, सीएचसी व पीएचसी से लेकर निजी अस्पताल डेंगू व वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों से अटे पड़े हैं। मेडिकल स्टोरों पर दवाई लेने वालों व लैबों पर टेस्टिग करवाने वालों की भारी भीड़ जमा है। हालात से हैं कि थोड़े से बुखार होने की स्थिति में लोगों डाक्टरों की तरफ दौड़ रहे हैं। अगर लोकल स्तर पर आराम नहीं दिखता है तो मरीजों को बाहर बड़े-बड़े अस्पतालों में ले जाया जा रहा है। बीमारी के प्रकोप के कारण मरीजों की स्थिति एकदम गंभीर हो रही है।

सफीदों शहर व गांवों में डेंगू व वायरल बुखार बढ़ा

सफीदों नगर के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में भी डेंगू व वायरल बुखार ने पैर पसार लिए है। नागरिक अस्पताल, सीएचसी व पीएचसी से लेकर निजी अस्पताल डेंगू व वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों से अटे पड़े हैं। मेडिकल स्टोरों पर दवाई लेने वालों व लैबों पर टेस्टिग करवाने वालों की भारी भीड़ जमा है। हालात ऐसे हैं कि थोड़े से बुखार होने की स्थिति में लोगों डाक्टरों की तरफ दौड़ रहे हैं। लोकल स्तर पर आराम नहीं दिखता है तो मरीजों को बाहर बड़े-बड़े अस्पतालों में ले जाया जा रहा है। बीमारी के प्रकोप के कारण मरीजों की स्थिति एकदम गंभीर हो रही है।

ओपीडी 250 से बढ़कर 450 हुई, प्लेटलेट्स कम होना डेंगू नहीं

सफीदों नागरिक अस्पताल के डा. तुषार ने बताया कि अक्टूबर में बुखार के केस बढ़े हैं। पहले नागरिक अस्पताल में करीब 250 ओपीडी होती थी, जो अब बढ़कर लगभग 450 हो चुकी हैं। इनमें ज्यादातर मरीज वायरल बुखार व टाइफाइड के हैं। इनमें से करीब 12 मरीजों को बुखार के लक्षणों के साथ दाखिल किया जाता है। इनमें से एक या दो ही मरीजों को डेंगू पाया जा रहा है। डा. तुषार ने कहा कि प्लेटलेट्स कम होना ही डेंगू नहीं होता। प्लेटलेट्स कम होने के अन्य भी बहुत से कारण होते हैं। डेंगू को कंफर्म के लिए उसकी टेस्टिग करवानी बेहद आवश्यक है। डेंगू में इंसान को तेज बुखार होता है और हड्डियों में भारी दर्द होता है।

इन पर ध्यान दें लोग

मच्छर ठहरे पानी मे अंडे देते हैं, जिससे मलेरिया व डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छरों में बढ़ोतरी होती है। ऐसे में तुरंत प्रभाव से मच्छर मारने के लिए ठहरे हुए पानी में काला तेल व टेमिफोस की दवाई का छिड़काव जरूरी है। जिससे मच्छर का लारवा खत्म हो सके और जानलेवा बीमारी फैलाने वाले मच्छरों की उत्पत्ति पर रोक लग जाए। ऐसे में आमजन साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखे और मच्छरों को पनपने न दे। घर के पास कहीं भी गंदा पानी जमा है वहां काला तेल डालें। ड्राई-डे मनाएं।

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