पोर्टल पर किसान ने जो फसल रजिस्टर्ड की, ई गिरदावरी से नहीं हो रहा उसका मिलान
मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपलोड किया डाटा मिस मैच हो रहा है। जिले में हजारों किसानों का डाटा विभागीय रिपोर्ट से मेल नहीं खा रहा। किसानों ने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराते समय कोई फसल भरी है जबकि ई गिरदावरी में वहां दूसरी फसल दिखाई गई है।
जागरण संवाददाता, जींद : मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपलोड किया डाटा मिस मैच हो रहा है। जिले में हजारों किसानों का डाटा विभागीय रिपोर्ट से मेल नहीं खा रहा। किसानों ने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराते समय कोई फसल भरी है, जबकि ई गिरदावरी में वहां दूसरी फसल दिखाई गई है। ई गिरदावरी और पोर्टल पर रजिस्टर्ड फसल अलग-अलग होने के चलते जांच के लिए अधिकारियों को गांव अलॉट किए गए हैं। अधिकारी संबंधित गांव में जाकर निरीक्षण कर रहे हैं। अभी तक 1100 से ज्यादा शिकायतों का समाधान किया जा चुका है। उसके बाद भी काफी शिकायतें आई हुई हैं। डीसी ने पटवारियों को जल्द रिकार्ड ठीक करने के लिए कहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत ज्वाइंट खेवट में आ रही है। एक भाई ने कोई फसल बोई है, तो दूसरे ने कोई ओर। कौन सी खेवट का कितना नंबर है, किसानों को इसकी पूरी जानकारी नहीं है। जिस कारण पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराते समय पर रकबा व खेवट नंबर सही से ना भरे होने के कारण दिक्कत आ रही है। उदाहरण के तौर पर किसान ने जिस खेवट में कपास या धान की फसल पोर्टल पर भरी है। वहीं ई गिरदावरी में उस खेवट में दूसरी फसल दिखाई गई है। जिस वजह से पोर्टल पर दर्ज फसल, ई गिरदावरी में दिखाई फसल का रिकार्ड आपस में मेल नहीं खा रहा। डीसी डा. आदित्य दहिया ने बताया कि डाटा मिस मैच होने की शिकायतें आई हैं। जिसे ठीक करने के लिए पटवारियों को निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों को गांवों बांटे गए हैं। उन गांवों में जाकर निरीक्षण कर रहे हैं। जल्द ही रिकार्ड दुरुस्त किया जाएगा।
डीसी ने बेलरखां के खेतों में ई गिरदावरी का लिया जायजा
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जींद : डीसी ने शनिवार को नरवाना के गांव बेलरखां के खेतों में जाकर ई गिरदावरी का मुआयना किया। मौके पर नरवाना के एसडीएम संजय बिश्नोई भी उपस्थित रहे। डीसी ने राजस्व विभाग के पटवारियों द्वारा पिछले माह की गई गिरदावरी का जायजा लिया। मौके पर डीसी ने सीजरा, टैब तथा रिकॉर्ड से खेत के रकबा का मिलान किया। डीसी ने बेलरखां व नरवाना की सीमा पर खेतों का दौरा करने के बाद धरौदी रोड स्थित खेतों में जाकर भी गिरदावरी की पड़ताल की। सभी पहलुओं का अध्ययन और मौके का मुआयना करने के बाद डीसी ने बताया कि यहां पटवारियों द्वारा की गई ई- गिरदावरी सभी दस्तावेजों के मिलान के बाद सही मिली है। डीसी ने पटवारियों को निर्देश दिए कि वे भविष्य में भी किसान के खेत में जाकर अपना टैब और रिकॉर्ड के साथ ई-गिरदावरी करें। ताकि कोई अनियमितता ना मिलें और किसान परेशान ना हो। उनके साथ नायब तहसीलदार विरेंद्र कुमार तथा हलका कानूनगो भी मौजूद रहे।
डेट बढ़ी, फसलों का नहीं हो रहा रजिस्ट्रेशन
बाजरा की फसल का रजिस्ट्रेशन पहले 10 सितंबर तक कराना था। जिसका समय बढ़ा कर 20 सितंबर कर दिया गया। शनिवार को जींद मार्केट कमेटी में बाजरे की फसल का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कुछ किसान पहुंचे थे। लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ। रविवार को रजिस्ट्रेशन कराने का अंतिम दिन है। बाजरे की सरकारी खरीद एक अक्टूबर से होनी है। जिन किसानों ने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है, उसी की फसल समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएगी। वहीं कपास व खरीफ की अन्य फसलों को पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने का 25 सितंबर तक समय बढ़ाया गया है।