विधायक से मिले पार्षद, नगरपरिषद में भ्रष्टाचार की जांच की उठाई मांग

जागरण संवाददाता जींद शहर की सरकार यानि नगर परिषद की सियासत अभी और गरमाने वाली है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 Aug 2020 05:06 AM (IST) Updated:Sat, 08 Aug 2020 06:11 AM (IST)
विधायक से मिले पार्षद, नगरपरिषद में भ्रष्टाचार की जांच की उठाई मांग
विधायक से मिले पार्षद, नगरपरिषद में भ्रष्टाचार की जांच की उठाई मांग

जागरण संवाददाता, जींद

शहर की सरकार यानि नगर परिषद की सियासत अभी और गरमाने वाली है। शुक्रवार को तीन पार्षदों ने विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा से मुलाकात की। इन पार्षदों ने विधायक से कहा कि बीते कुछ सालों में नगर परिषद में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। इनकी जांच कराई जाए। वहीं, पार्षदों की इस मुलाकात को चेयरपर्सन को कुर्सी से हटाने की विपक्षी पार्षदों की लामबंदी के तौर पर भी देखा जा रहा है।

विधायक के आवास पर पहुंचे नगर पार्षद विनोद आशरी, पार्षद सुदेश श्योराण के देवर सोमबीर पहलवान व सविता कुंडू के पति जितेंद्र ने कहा कि शहर के हालात बदतर हो चुके हैं। इन पार्षदों ने आरोप लगाया कि वर्तमान चेयरपर्सन के कार्यकाल में विकास कार्यों में जमकर घपले हुए हैं। शहर में कई जगह सही सड़कों को उखाड़कर दोबारा बनाया गया, जो सीधा भ्रष्टाचार का मामला है। शहर में विकास के नाम पर लगी हर ईंट के साथ घपला हुआ है। सफाई व्यवस्था, स्ट्रीट लाइट, अमरूत योजना व गलियों को पक्का करने के नाम पर जमकर घालमेल हुआ है। इन पार्षदों ने विधायक मिढ़ा से गुजारिश की कि वे नगरपरिषद में हस्तक्षेप करके घोटालों व भ्रष्टाचार की जांच करवाएं। सरकार को परिषद में हुए घपलों की जानकारी भी दें। --सरकार को भ्रष्टाचार की रिपोर्ट सौंपेंगे विधायक

पार्षदों से बातचीत में विधायक मिढ़ा ने भी माना कि सरकार ने जींद शहर के विकास के लिए रुपये देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन यह रुपया कहीं नहीं दिख रहा है। आखिर 150 करोड़ रुपया कहां गया है। इसका भी पता लगना चाहिए। पूरा शहर परेशान है। मैं सभी चीजों को देख रहा हूं। नगरपरिषद के सभी कार्यों व गोलमाल की पूरी डिटेल तैयार करके सरकार को सौंपी जाएगी। --अविश्वास प्रस्ताव से मेरा संबंध नहीं: मिढ़ा

विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा ने कहा कि तीन पार्षदों ने उनसे मुलाकात की थी और नगरपरिषद में भ्रष्टाचार को रोकने की गुजारिश की थी। नगरपरिषद चेयरपर्सन पूनम सैनी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर उनसे कोई चर्चा नहीं हुई। यह पार्षदों का अधिकार है। इसमें वह कोई दखल नहीं दे सकते। हां, इतना जरूर है कि नगरपरिषद में विकास कार्यों में जमकर गोलमाल हुआ है।

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