सरकारी विभागों पर 28 करोड़ बिजली बिल बकाया

बिजली निगम ने जुलाना बस स्टैंड का बिजली कनेक्शन काटा जल्द बिल भरने के आश्वासन पर जोड़ दिया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 08:18 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 08:18 PM (IST)
सरकारी विभागों पर 28 करोड़ बिजली बिल बकाया
सरकारी विभागों पर 28 करोड़ बिजली बिल बकाया

- जुलाना बस स्टैंड का बिजली कनेक्शन काटा, जल्द बिल भरने के आश्वासन पर जोड़ा

जागरण संवाददाता, जींद : घरेलू कनेक्शन उपभोक्ताओं के साथ-साथ सरकारी विभागों पर 28 करोड़ रुपये से ज्यादा का बिजली बिल बकाया हैं। जिनमें रोडवेज, सरकारी स्कूल, नगर परिषद, जन स्वास्थ्य विभाग नगर परिषद व नगर पालिकाएं शामिल हैं। बिजली निगम ने बकाया बिलों की रिकवरी के लिए सरकारी विभागों को भी नोटिस भेजे जाएंगे। किस विभाग पर कितना बिल बकाया है, इसकी सूची तैयार की जा रही है। बिजली निगम की तरफ से संबंधित विभाग के बजट से ये राशि बिजली निगम को ट्रांसफर करने के लिए सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी। सबसे ज्यादा बिजली बिल जुलाना सब डिवीजन में बकाया हैं। जहां बिलों की रिकवरी का काम तेजी से चल रहा है। जो बिल नहीं भर रहे, उनके कनेक्शन भी काटे जा रहे हैं। जुलाना में बिल ना भरने पर बस स्टैंड का कनेक्शन काट दिया गया था। रोडवेज द्वारा जल्द बिल भरने के आश्वासन पर दोबारा कनेक्शन जोड़ा गया। इसी तरह जुलाना के सरकारी स्कूलों, पशु अस्पताल, रेस्ट हाउस पर भी बिजली बिल बकाया है। संबंधित विभागों को जल्द बिल जमा कराने के लिए कहा गया है। वीरवार को जुलाना में बिजली निगम की टीम ने कुछ दुकानों के कनेक्शन काटे।

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किस विभाग पर कितना बिजली बिल बकाया

सिचाई विभाग : एक करोड़ 39 लाख 62 हजार रुपये

जन स्वास्थ्य विभाग : करीब साढ़े पांच करोड़

नगर परिषद व नगरपालिकाएं : करीब 18 करोड़ रुपये

अन्य विभाग : तीन करोड़ रुपये

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सरकारी स्कूलों पर भी बिल बकाया

जिले में कई सरकारी स्कूलों के भी बिजली बिल बकाया हैं। जुलाना में प्राइमरी और ग‌र्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल पर बकाया बिल है। स्कूलों द्वारा बिजली बिल भरने के लिए फंड ना होने का हवाला दे दिया जाता है। जिले में जिन सरकारी स्कूलों में बिजली बिल बकाया हैं, उनकी सूची तैयार की जा रही है। संबंधित स्कूलों को पहले बिल भरने के लिए सूचित किया जाएगा। उसके बाद संबंधित विभाग को रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसके बावजूद बिल जमा नहीं कराने पर कनेक्शन काटे जा सकते हैं।

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नप और नपा के साथ बकाया को लेकर फंसा पेंच

बिजली निगम का नगर परिषद और नगरपालिकाओं का स्ट्रीट लाइटों का करीब 18 करोड़ रुपये बकाया है। नगर परिषद और नगरपालिकाओं को प्रति यूनिट बिजली के हिसाब से टैक्स मिलता है। ये टैक्स बिजली निगम को देना है। नगर परिषद अधिकारियों के अनुसार बिजली निगम को उनसे जितना बकाया बिलों का बिल लेना है। लगभग उतना ही टैक्स बिजली निगम को उन्हें देना भी है। बकाया को लेकर फंसे पेंच के कारण रिकवरी नहीं हो पा रही।

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विभागों से बकाया बिल कंफर्म करा सरकार को भेजेंगे रिपोर्ट: एसई

बिजली निगम एसई केडी बंसल ने बताया कि बकाया बिलों की रिकवरी का अभियान चल रहा है। जिन सरकारी विभागों पर बिल बकाया है, उनकी लिस्ट तैयार कर संबंधित विभाग से भी कंफर्म कराया जा रहा है कि उनका कितना बिल बकाया है। उसके बाद उच्च अधिकारियों के माध्यम से सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी। ताकि संबंधित विभाग के बजट से बकाया बिल की राशि बिजली निगम को ट्रांसफर की जा सके। जुलाना में बकाया बिल ज्यादा हैं, वहां कनेक्शन काटे जा रहे हैं।

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