जींद में सड़कें धंसने की आज जांच करेगी नौ विधायकों की कमेटी
जींद में अमरूत योजना के तहत बरसाती पानी की निकासी के लिए पाइप लाइन दबाने के बाद दोबारा बनाई सड़कों के धंसने के मामले की जांच की जाएगी।
जागरण संवाददाता, जींद : शहर में अमरूत योजना के तहत बरसाती पानी की निकासी के लिए पाइप लाइन दबाने के बाद दोबारा बनाई सड़कों के धंसने के मामले की जांच विधानसभा की सब्जेक्ट कमेटी करेगी। बुधवार को विधायक दीपक मंगला की अध्यक्षता में नौ विधायकों की टीम जांच के लिए जींद आएगी। ये कमेटी पब्लिक हेल्थ, पीडब्लयूडी, सिचाई और बिजली के मामलों को देखती है। विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा भी इस कमेटी के सदस्य हैं। विधायक मिढ़ा ने इस मामले में सरकार से जांच की मांग की थी।
नगर परिषद ने अमरूत योजना के तहत बरसाती पानी की निकासी के लिए 30 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च कर पाइप लाइन बिछाई है। पाइप लाइन बिछाने के लिए बीएंडआर की सड़कें भी उखाड़ी गई। इसकी एवज में नगर परिषद ने बीएंडआर को करीब सात करोड़ रुपये की राशि बीएंडआर को दी थी। इस राशि से बीएंडआर ने सड़कें बनाई। बरसात होते ही नवनिर्मित रोहतक रोड कई जगह से धंस गया। वहीं मिनी बाईपास सड़क भी धंस गई। बीएंडआर ने रोहतक रोड के धंसने का ठीकरा नगर परिषद पर फोड़ते हुए आरोप लगाया था कि बरसाती पानी की लाइन लीक होने से सड़क धंसी है। नगर परिषद ने जन स्वास्थ्य विभाग की सीवर लाइन लीक होने से सड़क धंसने का दावा किया था। लेकिन बाद में बताया गया कि रोहतक रोड पर जन स्वास्थ्य विभाग की लाइन भी लीक थी, जिससे सड़क धंसी। एक जगह बरसाती पानी की लाइन की वजह से सड़क धंसी। मिनी बाईपास के धंसने का कारण भी बीएंडआर बरसाती पानी की लाइन को मान रहा है। वहीं नगर परिषद अधिकारी इससे इंकार कर रहे हैं। अब इस मामले में विधानसभा की सब्जेक्ट कमेटी जांच करके तय करेगी कि किस विभाग की लापरवाही से सड़क धंसी।
कमेटी में ये 9 विधायक शामिल:
सड़क धंसने की जांच के लिए विधायक दीपक मंगला की अध्यक्षता में बनी कमेटी में जींद के भाजपा विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा, हांसी के भाजपा विधायक विनोद भ्याणा, कैथल से भाजपा विधायक लीलाराम गुर्जर, असंध के कांग्रेस विधायक शमशेर सिंह गोगी, टोहाना के जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली, हथीन के भाजपा विधायक प्रवीण डागर, फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस विधायक मामन खान, नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद शामिल हैं। दोपहर करीब 11 बजे विधायक पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में बैठक करेंगे। इसके बाद शहर में विजिट करेंगे और शाम को फिर रेस्ट हाउस में अपनी रिपोर्ट लिखेंगे।