रेल टिकटों पर होगा बारकोड, टिकट के फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक

ट्रेनों में बिना टिकट और फर्जी टिकट पर यात्रा करने वाले यात्रियों को लेकर रेलवे अब अपने सिक्योरिटी सिस्टम में बदलाव करने जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Aug 2018 12:06 AM (IST) Updated:Mon, 20 Aug 2018 12:06 AM (IST)
रेल टिकटों पर होगा बारकोड, टिकट के फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक
रेल टिकटों पर होगा बारकोड, टिकट के फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक

हिमांशु गोयल, जींद

ट्रेनों में बिना टिकट और फर्जी टिकट पर यात्रा करने वाले यात्रियों को लेकर रेलवे अब अपने सिक्योरिटी सिस्टम में बदलाव करने जा रहा है। इसको लेकर रेलवे अधिकारियों ने प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। आइआरसीटीसी और टिकट बु¨कग सॉफ्टवेयर में बदलाव होने के चलते रेलवे अब अपनी टिकट पर बारकोड डालेगा। यह बारकोड आइआरसीटीसी की वेबसाइट और रेलवे टिकट बु¨कग काउंटर से बुक की गई टिकट पर ही मिलेगा। इससे टिकट में हो रहे फर्जीवाड़े व चलती ट्रेन में सीटों की ब्लैकमे¨लग पर भी लगाम लगेगी। यह उन यात्रियों के लिए अच्छी खबर है, जो वे¨टग और आरएसी टिकट पर यात्रा करते हैं। रेलवे अधिकारियों की माने तो उनका कहना था कि ट्रेन के रिजर्वेशन का डेटा सॉफ्टवेयर में आते ही खाली सीट उन पैसेंजरों को अपने आप अलॉट हो जाएंगी, जिनका टिकट वे¨टग में है। वे¨टग वाले पैसेंजरों की सीट कन्फर्म होगी, तो उसकी जानकारी टिकट बुक कराते समय दिए गए मोबाइल नंबर पर मैसेज कर दी जाएगी।

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टीटीई को दी जाएंगी मशीनें

रेलवे एक्सप्रेस ट्रेनों में टीटीई को ऐसी मशीन दी उपलब्ध कराएगा, जो ट्रेन टिकट पर दिए बार कोड को पढ़ सकेंगी। यह मशीनें रेलवे के सर्वर से कनेक्ट होंगी। इन मशीनों पर ट्रेन की टिकट से जुड़ा डाटा अपने आप अपलोड होता रहेगा। ट्रेन में टिकट चे¨कग के दौरान टीटीई इन्हीं मशीनों से टिकट चेक किया करेंगे। टिकट पर मौजूद बार कोड को स्कैन करने के बाद वह जानकारी मशीन में आ जाएगी, जो उस पीएनआर से जुड़े हैं और रेलवे के सर्वर में मौजूद है। जिसमें यात्री का नाम, ट्रेन का नाम-नंबर, कहां से कहां तक यात्रा करनी है जानकारी शामिल रहेगी।

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अभी तक टिकटों में फर्जीवाड़े का खतरा

अभी रेलवे की टिकट में फर्जीवाड़े का खतरा रहता है। क्योंकि कई बार यात्री एजेंट से अपनी टिकट बुक कराते हैं। कुछ एजेंट यात्रियों को फर्जी पीएनआर (टिकट) जनरेट कर दे देते हैं। जब वह स्टेशन पर जाने के बाद अपना नाम देखते है तो पता चलता है कि यह टिकट तो किसी और के नाम का है। इस चक्कर में यात्रियों को कई बार ट्रेन में परेशानी उठानी पड़ती है। बार कोड आने के बाद से इस फर्जीवाड़े से बचा जा सकेगा और यात्रियों को भी परेशानी नहीं होगी।

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ट्रेनों में यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हर समय कोई न कोई बदलाव किया जाता रहा है। इसी कड़ी में अगर टिकटों पर बार कोड लगता है तो पूरी तरह से पारदर्शिता आएगी और टिकटों में हो रहे फर्जीवाड़े पर भी रोक लगेगी। उससे रेलवे को भी इससे काफी हद तक फायदा होगा।

अनिल यादव, स्टेशन अधीक्षक, जींद।

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