हरियाणा बोर्ड की तरफ से आठवीं कक्षा की परीक्षा लेने के विरोध में उतरे सीबीएसई स्कूल
जींद में सीबीएसई स्कूल संचालकों ने हरियाणा बोर्ड की ओर से सत्र के बीच में आठवीं कक्षा के छात्रों की परीक्षा लेने के फैसले का विरोध जताया।
जागरण संवाददाता, जींद : सीबीएसई स्कूल संचालकों ने हरियाणा बोर्ड की ओर से सत्र के बीच में आठवीं कक्षा के छात्रों की परीक्षा लेने के फैसले का विरोध जताया और प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर के नाम नगराधीश और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन देने से पहले सीबीएसई स्कूलों के प्राचार्यों की बैठक डीएवी स्कूल के प्राचार्य डा. धर्मदेव विद्यार्थी की अध्यक्षता में हुई।
स्कूल संचालकों ने कहा कि एक स्कूल में दो बोर्ड के पाठ्यक्रम नहीं चल सकते। सीबीएसई के स्कूल अपना अलग से पाठ्यक्रम रखते हैं, जबकि हरियाणा बोर्ड के स्कूल अलग से रखते हैं। दो अलग-अलग पाठ्यक्रम की एक परीक्षा किसी आधार पर नहीं हो सकती। हरियाणा शिक्षा बोर्ड द्वारा सत्र के बीच में अचानक सीबीएसई स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को आठवीं की परीक्षा देने का प्रावधान सरासर गलत तथा छात्रों पर भार है। यह भार कोरोना के कारण उपजी स्थिति से और बढ़ जाता है। सरकार को विद्यार्थियों की सहायता करनी चाहिए, ना कि उन्हें उलझाना चाहिए। स्कूल संचालकों ने कहा कि इस परीक्षा के लिए कोई विद्यार्थी तैयार नहीं है। यदि बोर्ड ने अपना यह फैसला वापस नहीं लिया, तो विद्यार्थियों के लिए एक घातक कदम होगा। हरियाणा शिक्षा बोर्ड की तथा सीबीएसई स्कूलों की आठवीं कक्षा की किताबें अलग प्रकार की हैं। ना ही हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने प्रश्न पत्र का स्वरूप और पाठ्यक्रम बताया है। बैठक में उपस्थित स्कूल संचालकों ने कहा कि वे विद्यार्थियों के साथ ये अन्याय नहीं होने देंगे। ज्ञापन की एक प्रति हरियाणा शिक्षा बोर्ड चेयरमैन, और शिक्षा निदेशालय हरियाणा निदेशक को भेजी गई।
बनाई प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन
सभी स्कूलों ने समस्याओं के समाधान के लिए जींद प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन बनाने का निर्णय लिया। इसके लिए एक तदर्थ आधार पर कमेटी बनाई गई, जिसका कार्यकारी अध्यक्ष गोपाल स्कूल के प्राचार्य बलबीर सिंह, महासचिव वुडस्टाक पब्लिक स्कूल के प्राचार्य संजय कंसल, कोषाध्यक्ष बीआरएसके पब्लिक स्कूल सफीदों के प्राचार्य रविद्र कौशिक को बनाया गया। सभी सदस्यों ने डा. धर्मदेव विद्यार्थी को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया। जिसे उन्होंने अपनी व्यस्तताओं के कारण स्वीकार नहीं किया तथा यह विषय अगली बैठक के लिए रख दिया गया। बैठक में नरेश बराड़, जय सिंह कालोनिया, रश्मि विद्यार्थी, रीटा अरोड़ा, अशोक कुमार, राजेश कुमार, लाजवंती, किरण बाला, गीता राठी, अनिल मोर मौजूद रहे।