पराली जलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति होती है कम : राजेश कोथ

बीडीपीओ कार्यालय अलेवा में एसडीएम उचाना राजेश कोथ ने पराली प्रबंधन को लेकर नंबरदार पटवारी ग्राम सचिवों की बैठक लेते हुए पराली जलाने से होने वाले नुकसानों के बारे में जानकारी दी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 07:30 AM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 07:30 AM (IST)
पराली जलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति होती है कम : राजेश कोथ
पराली जलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति होती है कम : राजेश कोथ

संवाद सहयोगी, अलेवा : बीडीपीओ कार्यालय अलेवा में एसडीएम उचाना राजेश कोथ ने पराली प्रबंधन को लेकर नंबरदार, पटवारी, ग्राम सचिवों की बैठक लेते हुए पराली जलाने से होने वाले नुकसानों के बारे में जानकारी दी। एसडीएम ने कहा कि पराली जलाने से वातावरण प्रदूषित हो रहा है। वातावरण का प्रदूषित होना हमारे जीवन के लिए खतरनाक है। किसानों को चाहिए कि वो फसल अवशेष को जलाने की बजाय अनेक प्रकार के कृषि यंत्र है जिनसे उनकी खेत में ही जुताई की जा सकती है। इनकी खेत में जुताई करने से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी जिससे फसल की पैदावार भी अच्छी होगी। एसडीएम ने कहा कि पराली न जलाने वाले किसानों को 100 रुपए प्रति क्विंटल बोनस दिया जाएगा। जो किसान पराली ना जला कर किसी दूसरे कार्य के लिए प्रयोग करता है, उस किसान को एक हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह फायदा छह नवंबर से 11 नवंबर तक गैर बासमती धान बेचने वाले किसानों को मिलेगा। इस मौके पर डीएसपी धर्मबीर सिंह, अलेवा थाना प्रभारी संजय कुमार, पटवारी बलविद्र, मनोज, नंबरदार रणधीर, धीरा नगूरां, चरणजीत, जसवंत सिंह, रामनिवास व जिले सिंह समेत कई गांवो के नंबरदार व पटवारी मौजूद रहे।

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