पिछले चुनाव में किया था बहिष्कार, अब मिली अलग पंचायत
जागरण संवाददाता जींद भिवानी रोड पर शहर से करीब तीन किलोमीटर दूर स्थित कर्मगढ़ गांव।
जागरण संवाददाता, जींद: भिवानी रोड पर शहर से करीब तीन किलोमीटर दूर स्थित कर्मगढ़ गांव। इसकी खुद की अलग ग्राम पंचायत की सालों की मांग पूरी हो गई है। बुधवार को प्रदेश सरकार ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इससे ग्रामीण काफी खुश हैं। करीब 1500 की आबादी और लगभग 500 मतदाता वाले इस गांव और पड़ोसी गांव घिमाना की एक ग्राम पंचायत थी। साल 2016 में कर्मगढ़ गांव के लोगों ने अलग ग्राम पंचायत की मांग करते हुए पंचायत चुनाव का बहिष्कार कर दिया था। मतदान वाले दिन शाम साढ़े चार बजे तक जब गांव से कोई भी मतदान के लिए नहीं पहुंचा, तो प्रशासन ने आकर ग्रामीणों से बात की। एसडीएम ने आगामी पंचायत चुनाव में नई ग्राम पंचायत बनवाने का आश्वासन दिया था, जिसके बाद ग्रामीण वोट डालने को तैयार हुए थे। ग्रामीणों का लंबा संघर्ष रंग लाया और अलग ग्राम पंचायत का दर्जा मिल गया। बीडीपीओ सोमबीर कादयान ने बताया कि सरकार की तरफ से नोटिफिकेशन जारी हुआ है। आधिकारिक तौर पर कार्यालय में पत्र आने के बाद ही वे इस बारे में बता सकते हैं।
दोनों गांवों को होगा फायदा
कर्मगढ़ की अलग ग्राम पंचायत बनने से घिमाना गांव के लोग भी खुश हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत को जो सरकार से ग्रांट मिलती थी, वो दोनों गांवों में खर्च होती थी। अलग ग्राम पंचायत होने से दोनों गांवों में अलग-अलग ग्रांट आएंगी। जिससे विकास कार्य भी ज्यादा होंगे। सुविधाएं भी पहले से बेहतर मिलेंगी। कर्मगढ़ गांव के लोगों का ये है कहना
वर्जन
छोटा गांव होने की वजह से कर्मगढ़ उपेक्षित रहा है। ग्राम पंचायत से संबंधित छोटे-छोटे कामों के लिए भी डेढ़ किलोमीटर चल कर घिमाना गांव में जाना पड़ता है। लंबे समय से अलग ग्राम पंचायत बनाने की मांग थी।
हेंद्र यादव, ग्रामीण वर्जन
शिक्षा के क्षेत्र में गांव पिछड़ा हुआ है। गांव में केवल प्राइमरी स्कूल है। जिस कारण बच्चों को पढ़ने के लिए घिमाना व शहर आना पड़ता है। अलग ग्राम पंचायत बनने से शिक्षा के क्षेत्र में भी सुधार होगा।
वेदप्रकाश, ग्रामीण वर्जन
स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर गांव में कुछ भी नहीं है। सामान्य बीमारी के इलाज के लिए भी शहर भागना पड़ता है। गांव में स्वास्थ्य केंद्र खोला जाना चाहिए। साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं पर भी ध्यान दिया जाए।
अनिल, ग्रामीण वर्जन
गांव की कई गलियां कच्ची हैं। तालाब की चहारदीवारी नहीं हैं। श्मशान घाट में भी शेड की जरूरत है। दो गांवों की एक ग्राम पंचायत होने से ये काम संभव नहीं थे। अलग ग्राम पंचायत बनने से बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
जोगेंद्र, ग्रामीण