भाजपा नेता के भतीजे की डेंगू से मौत, निजी अस्पताल नहीं दे रहे सही रिपोर्ट

जागरण संवाददाता, जींद : भाजपा के जिला उपाध्यक्ष डा. राज सैनी के भतीजे अजमेर बस्ती निवासी राज

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Nov 2018 10:50 PM (IST) Updated:Wed, 21 Nov 2018 10:50 PM (IST)
भाजपा नेता के भतीजे की डेंगू से मौत, निजी अस्पताल नहीं दे रहे सही रिपोर्ट
भाजपा नेता के भतीजे की डेंगू से मौत, निजी अस्पताल नहीं दे रहे सही रिपोर्ट

जागरण संवाददाता, जींद : भाजपा के जिला उपाध्यक्ष डा. राज सैनी के भतीजे अजमेर बस्ती निवासी राजेश की डेंगू से मौत हो गई। राजेश जनस्वास्थ्य विभाग रोहतक में कार्यरत था और पिछले कई दिनों से दिल्ली के अपोलो अस्पताल में दाखिल था। मंगलवार को उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग अभी तक डेंगू से मौत की पुष्टि नहीं कर रहा है, जबकि मृतक के चाचा डा. राज सैनी का कहना है कि उसके भतीजे की डेंगू से मौत हुई है। वहीं, निजी अस्पताल डेंगू मरीजों की सही रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को नहीं दे रहे हैं।

25 अक्टूबर को बुखार होने के चलते रोहतक रोड स्थित निजी अस्पताल में दाखिल करवाया था, जहां पर उसकी प्लेटलेट्स कम होने के कारण हालात गंभीर हो गई थी। इसके बाद उसको उपचार के लिए दिल्ली के अग्रसेन अस्पताल में दाखिल करवाया और वहां पर कई दिन तक दाखिल रहे, लेकिन हालात में सुधार नहीं हुआ। जहां पर 8 हजार से कम प्लेटलेट्स रहने के बाद अपोलो अस्पताल में दाखिल करवाया गया, लेकिन वहां पर उसकी हालात में सुधार नहीं हुआ और मंगलवार को डेंगू के चलते उसके किडनी व लीवर के जवाब देने से मौत हो गई। राजेश की डेंगू की मौत की सूचना से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। मंगलवार को विभाग की टीम अजमेर बस्ती में पहुंची थी, लेकिन वहां पर परिजन नहीं मिलने के कारण वापस लौट आई। बुधवार देर शाम को राजेश का शव जींद पहुंचा और उसका अंतिम संस्कार किया। राजेश का एक चार साल का बेटा है। कुछ समय पहले ही उसकी जनस्वास्थ्य विभाग में नौकरी लगी थी।

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डेंगू संभावित मरीजों की जानकारी दे रहे निजी अस्पताल

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े के अनुसार जिले में अब तक 56 डेंगू के मामले सामने आए हैं, लेकिन जिले में विभाग के आंकड़े के विपरित स्थिति है। निजी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की संख्या ज्यादा है। निजी अस्पताल कार्ड से टेस्ट करके डेंगू की पुष्टि करते हैं, जबकि स्वास्थ्य विभाग कार्ड द्वारा की गई पुष्टि को मान्य नहीं करता है। इसके कारण निजी अस्पताल डेंगू के संभावित मरीज मिलने के बावजूद भी विभाग को अवगत नहीं करवाते हैं। नियमानुसार डेंगू का संभावित मरीज मिलते ही इसके बारे में स्वास्थ्य विभाग को अवगत करवाना जरूरी होता है, ताकि एहतियात के तौर पर कदम उठाए जा सकें।

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रिपोर्ट व इलाज का मिलान करेगा विभाग

डेंगू से मौत की सूचना उनको मिली है। मौत डेंगू हुई है इसकी जांच की जाएगी। इसके लिए विभाग की टीम मृतक राजेश के घर पर गई थी, लेकिन शव आज ही घर पहुंचा है। विभाग की टीम अब राजेश को अब तक दिए गए इलाज व टेस्टों की रिपोर्ट की जांच करेगी, उसके बाद ही पुष्टि की जा सकती है। निजी अस्पताल अधिकतर कार्ड से टेस्ट करते हैं, लेकिन वह मान्य नहीं है। एलाइजा टेस्ट से ही डेंगू की सही पुष्टि हो सकती है।

डॉ. संजय दहिया, सिविल सर्जन, जींद

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इधर.. न्यूनतम तापमान कम होने से कम होगा डेंगू का डंक

सर्दी का मौसम बढ़ते ही न्यूनतम तापमान कम होने लग गया है। इससे डेंगू के मच्छर पनपने कम हो गए हैं। डेंगू का मच्छर 15 डिग्री तक ही पनप पाता है, लेकिन जिले में पिछले कई दिन से न्यूनतम तापमान 12 डिग्री तक पहुंच गया है। इसके कारण डेंगू के मच्छर में कमी आई। इसके कारण बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या में कमी आई है। पहले जहां प्रतिदिन नागरिक अस्पताल की लैब में 250 के करीब बुखार से पीड़ित मरीजों का सीबीसी टेस्ट होता था, लेकिन यह अब 150 के करीब पहुंच गया है। डाक्टर इसके पीछे न्यूनतम तापमान में कमी आने को मान रहे हैं।

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