ग्राम सचिवों को दिया प्रशिक्षण, प्रत्येक गांव में पंचवटी लगाने का किया आह्वान

उचाना उपमंडल कार्यालय में स्थित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय में जैव विविधता बोर्ड का प्रशिक्षण कार्यक्रम में आयोजित हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 08:15 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 08:15 AM (IST)
ग्राम सचिवों को दिया प्रशिक्षण, प्रत्येक गांव में पंचवटी लगाने का किया आह्वान
ग्राम सचिवों को दिया प्रशिक्षण, प्रत्येक गांव में पंचवटी लगाने का किया आह्वान

संवाद सूत्र, उचाना : उपमंडल कार्यालय में स्थित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय में जैव विविधता बोर्ड का प्रशिक्षण कार्यक्रम में आयोजित हुआ। अध्यक्षता बीडीपीओ सोमबीर कादियान ने की। प्रशिक्षण शिविर में सभी ग्राम सचिव, एससीपीओ, वन मंडल अधिकारी कार्यकाल से अश्वनी कुमार वन राजिक, जिला समन्वयक विष्णु बागड़ी, तकनीकी समूह के मुखिया सतीश कौशिक मौजूद रहे।

ग्राम सचिवओं को प्रशिक्षण देते हुए बताया कि गांव का पीबीआर व बीएमसी (जैव विविधता समिति) का गठन किया गया है। इसके मुख्य कार्यालय में विनित कुमार गर्ग आईएफएस प्रधान मुख्य वन संरक्षक अध्यक्ष है। गुरमीत सिंह वैज्ञानिक अधिकारी है। इस सभा में अनिलेश कुमार एचडीएफसी शाखा प्रबंधक भी मौजूद रहे। सचिव वन मंडल अधिकारी जींद रोहताश बिरथल एचएफएस है। प्रशिक्षण शिविर में जो पेड़ों की प्रजातियां लुप्त हो रही है उन पर प्रकाश डाला गया। प्रत्येक गांव में पंचवटी लगाने का आह्वान किया। प्रशिक्षण के दौरान विविधता बोर्ड के बारे में सबको विस्तार से बताया गया। जिस वृक्ष की उम्र 75 साल से अधिक है उसकी देखभाल करने वाले को प्रति साल पेड़ के रख रखाव करने के लिए 2500 रुपये भी दिए जाएंगे।

विकास मखंड बने कांग्रेस सेवा दल के शहरी जिलाध्यक्ष

उचाना : विकास मखंड को कांग्रेस सेवा दल का शहरी जिलाध्यक्ष मनोनित किया गया। कांग्रेस के जिला कोआर्डिनेटर सुरेंद्र श्योकंद ने नियुक्त पत्र सौंपते हुए कहा कि कांग्रेस सेवादल का संगठन में बड़ा महत्व है। श्योकंद ने कहा कि एक अगस्त से जो भाजपा तिरंगा यात्रा निकाल रही है उसका उद्देश्य प्रदेश में माहौल खराब करना है, क्योंकि किसान धरने पर बैठे है। किसान, जवान को लड़वाने की मंशा सरकार की रही है। आठ महीने से किसान दिल्ली बार्डरों, प्रदेश के टोलों पर धरना दे रहे है। केंद्र के भाजपा नेताओं के अलावा प्रदेश के भाजपा, जेजेपी नेताओं ने एक भी शब्द अब तक आंदोलन में मौत का ग्रास बने किसानों के लिए संवेदना के लिए नहीं कहे। संसू

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