3600 के पार पहुंचे बासमती 1121 धान के भाव
इस बार खरीफ की फसलों के किसानों को अच्छे भाव मिल रहे हैं। बासमती 1509 धान पिछले साल 1800 से 2200 रुपये प्रति क्विटल बिक रही थी। इस समय मंडियों में 1509 धान 2900 से 3200 रुपये प्रति क्विटल बिक रही है। बासमती 1121 के भाव भी पिछले साल की तुलना में 800 से एक हजार रुपये प्रति क्विटल किसानों को मिल रहे हैं।
जागरण संवाददाता, जींद : इस बार खरीफ की फसलों के किसानों को अच्छे भाव मिल रहे हैं। बासमती 1509 धान पिछले साल 1800 से 2200 रुपये प्रति क्विटल बिक रही थी। इस समय मंडियों में 1509 धान 2900 से 3200 रुपये प्रति क्विटल बिक रही है। बासमती 1121 के भाव भी पिछले साल की तुलना में 800 से एक हजार रुपये प्रति क्विटल किसानों को मिल रहे हैं। पिछले साल बासमती 1121 धान सीजन की शुरुआत में 2700 से 2800 रुपये बिक रही थी, कुछ समय के लिए भाव 3200 रुपये तक भी पहुंचे थे। लेकिन दोबारा घट गए थे। इस बार भाव 3350 से 3500 रुपये तक शुरुआत में बासमती 1121 धान के मिल रहे हैं। बुधवार को सफीदों मंडी में बासमती 1121 धान का अधिकतम भाव 3675 रुपये तक पहुंचा। वीरवार सुबह जींद नई अनाज मंडी में 1121 धान की सुबह बोली 3660 रुपये रही। किसानों का कहना है कि कई साल बाद धान के भाव में ऐसी तेजी आई है। जिससे आने वाले दिनों में भाव में और तेजी आने की उम्मीद है। आढ़तियों का कहना है कि इस बार बासमती धान की मांग अच्छी है। आढ़ती मनीष गोयल ने बताया कि चावल का पुराना स्टाक निकल जाने की वजह से बासमती धान की मांग बढ़ी है। जिससे किसान और आढ़ती दोनों को ही फायदा है।
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8400 के भाव बिक रही कपास
सरकार कपास की फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदती है। कपास का समर्थन मूल्य 5825 रुपये है। मार्केट में नरमा कपास 8400 से 8500 रुपये प्रति क्विटल के भाव बिक रही है। जो समर्थन मूल्य से काफी ज्यादा है। जिसके कारण सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर कपास की खरीद भी नहीं कराई जा रही। रबी के सीजन में भी सरकार सरसों भी समर्थन मूल्य पर नहीं खरीद पाई थी। क्योंकि सरसों के भाव भी समर्थन मूल्य से मार्केट में ज्यादा थे। --------------- बरसात से हुआ है नुकसान
सितंबर में हुई तेज बारिश के कारण कपास, धान, बाजरे व अन्य फसलों में काफी नुकसान हुआ है। जींद जिले में हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई। इससे पहले गुलाबी सुंडी ने कपास की फसल में कहर ढाया। किसानों का कहना है कि अगर सितंबर में बारिश से नुकसान नहीं होता, तो इस बार अच्छे भाव मिलने से किसान फायदे में रहते।