छह लाख से अधिक आय वालों को आरक्षण से वंचित करने के विरोध के उतरी पिछड़ा वर्ग कल्याण महासभा
पिछड़ा वर्ग कल्याण महासभा के तत्वावधान में पिछड़ा वर्ग के कर्मचारियों और प्रबुद्धजनों की बैठक प्रधान प्रो. आरसी ¨लबा की अध्यक्षता में हुई।
जागरण संवाददाता, जींद : पिछड़ा वर्ग कल्याण महासभा के तत्वावधान में पिछड़ा वर्ग के कर्मचारियों और प्रबुद्धजनों की बैठक प्रधान प्रो. आरसी ¨लबा की अध्यक्षता में हुई। उसमें प्रदेश की भाजपा सरकार ने 16 अगस्त और 28 अगस्त को जारी अधिसूचना से छह लाख से अधिक वार्षिक आय वाले परिवार के बच्चों को सरकारी नौकरी और शैक्षिक संस्थाओं में प्रवेश में आरक्षण के लाभ से वंचित करने का विरोध जताया।
प्रो. आरसी ¨लबा ने कहा कि इस अधिसूचना के लागू होने से समाज का एक बहुत बड़ा वर्ग आरक्षण के दायरे से बाहर हो गया। यहां तक कि एक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के बच्चे भी आरक्षण के लाभ से वंचित हो गए। ऐसा कर भाजपा सरकार ने पिछड़े वर्ग के हितों पर आज तक का सबसे बड़ा हमला किया है।
¨लबा ने कहा कि केंद्र सरकार की नौकरियों में क्रीमी लेयर की सीमा आठ लाख रुपये हैं। इसमें भी वेतन तथा कृषि से प्राप्त आय शामिल नहीं है। यहां तक कि केंद्र सरकार तथा कुछ राज्य सरकारों ने हाल में सवर्ण वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण में आय की सीमा आठ लाख रुपये ही रखी है। उन्होंने कहा कि हमारे पिछड़ेपन का आधार आर्थिक की बजाए सामाजिक भेदभाव है। अभी तक कि राज्य सरकारें और केंद्र सरकार के जारी अधिसूचना को ही मानती रही है। केंद्र सरकार के क्रिमी लेयर के बारे में जारी अधिसूचना उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देश में विशेषज्ञों की समिति ने तैयार की थी, जिस को दरकिनार कर राज्य सरकार ने पिछड़ा वर्ग विरोधी होने का परिचय दिया है। मी¨टग में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर सरकार को चेतावनी दी गई कि उपरोक्त सूचना को तुरंत रद किया जाए, अन्यथा 28 जनवरी को जींद उपचुनाव में पिछड़ा वर्ग भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ मतदान करेगा। इसके अतिरिक्त पिछड़ा वर्ग यह भी मांग करता है कि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की तरह ही प्रथम और द्वितीय श्रेणी की नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण, जिसमें 16 प्रतिशत बीसी ए 11 प्रतिशत बीसी बी की अधिसूचना जारी की जाए। इस अवसर पर महासभा के सचिव इंद्र ¨सह, प्रेस सचिव राजेंद्र कुमार व देवेंद्र, र¨वद्र ¨सह अशोक कुमार, कलम ¨सह चांदराम, रामनिवास, सतवीर ¨सह, नफे ¨सह, हवा ¨सह, वीरभान, रामभज ढाणी, अनिल कुमार ढाणी, जय भगवान आदि मौजूद थे।