आढ़तियों ने सरकार पर गेहूं की दामी में धोखाधड़ी करने का लगाया आरोप

अनाज मंडी एसोसिएशन की बैठक प्रधान शशिकांत शर्मा की अध्यक्षता में हुई। आढ़तियों ने हरियाणा सरकार पर गेहूं की दामी में धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 07:40 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 07:40 AM (IST)
आढ़तियों ने सरकार पर गेहूं की दामी में धोखाधड़ी करने का लगाया आरोप
आढ़तियों ने सरकार पर गेहूं की दामी में धोखाधड़ी करने का लगाया आरोप

संवाद सूत्र, नरवाना : अनाज मंडी एसोसिएशन की बैठक प्रधान शशिकांत शर्मा की अध्यक्षता में हुई। आढ़तियों ने हरियाणा सरकार पर गेहूं की दामी में धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया। आढ़तियों ने कहा कि जब गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हुई थी। उस समय मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने आढ़तियों को गेहूं की पूरी दामी ढाई प्रतिशत देने का वादा किया था। जोकि 1975 रुपये क्विंटल पर 49.37 रुपये बनती है और ई खरीद पोर्टल पर भी आई फार्म में ढाई प्रतिशत आढ़त लगाई थी। लेकिन अब खरीद बंद होने के बाद पोर्टल पर आढ़त 46 रुपये क्विंटल दिखा रहे हैं, जो सरासर गलत है। प्रधान शशिकांत शर्मा ने कहा कि सभी आढ़तियों ने सर्वसम्मति से फैसला किया है कि कोई घटती गेहूं की नहीं देंगे। सभी आढ़ती सर्विस प्रोवाइडर हैं। हमने अपना कार्य पूरी मेहनत व ईमानदारी से किया है। आढ़तियों को मेहताना पूरा दिया जाए और कोई घटती ना काटी जाए। अगर कोई घटती है, तो वह लेट लिफ्टिग की वजह से है, जो खरीद एजेंसी ने करवाई थी। उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि उन्हें पूरे पैसे दिलाए जाएं, नहीं तो हरियाणा भर की सभी मंडियों में आंदोलन आढ़तियों द्वारा शुरू किया जाएगा। इस अवसर पर बृजेंद्र सुरजेवाला, जयदेव बंसल, नरेश आर्य, सतपाल मोर, पवन मोर, प्रवीण शर्मा, सज्जन सिगला, सतीश कुमार, बलबीर नैन, जितेंद्र जैन आढ़ती मौजूद थे। किसानों की सुध ले सरकार : रामनिवास सुरजाखेड़ा

संवाद सूत्र, नरवाना : नरवाना के विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा ने कहा कि किसान पिछले छह महीने से भी ज्यादा समय से आंदोलनरत हैं, इसलिए सरकार को उनकी सुध लेते हुए मांग माननी चाहिए।

हरियाणा खादी बोर्ड के चेयरमैन और विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा ने कहा कि सरकार को कोई बीच का रास्ता निकालकर किसानों से बातचीत करनी चाहिए, क्योंकि किसी भी समस्या का हल बातचीत से ही संभव है। लोकतंत्र में आवाज उठाना सभी वर्गों का अधिकार है और किसान भी अपने इन्हीं अधिकारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसलिए सरकार को किसानों की सुननी चाहिए और उनकी समस्या का समाधान कर देना चाहिए, ताकि वे घर वापस जाकर अपने काम-धंधों पर ध्यान दें।

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