15 सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाडी वर्करों ने की हड़ताल

आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन ने 15 सूत्रीय मांगों को लेकर बुधवार को हड़ताल की।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 08:59 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 08:59 PM (IST)
15 सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाडी वर्करों ने की हड़ताल
15 सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाडी वर्करों ने की हड़ताल

जागरण संवाददाता, जींद : आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन ने 15 सूत्रीय मांगों को लेकर बुधवार को चार दिवसीय हड़ताल की शुरुआत की और लघु सचिवालय के बाहर धरना शुरू किया। धरने की अध्यक्षता रमेश देवी व संचालन सचिव सुमन देवी ने किया। धरने को संबोधित करते हुए रमेश देवी ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार आइसीडीएस और शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लाई गई है। प्ले वे स्कूलों के द्वारा आइसीडीएस को प्राइवेट हाथों व एनजीओ को सौंपने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिसे आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स बर्दाश्त नहीं करेंगी। संगठन नेताओं ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री ने वर्कर्स व हेल्पर्स बारे 2018 में जो घोषणाएं की गई थी, लेकिन उन्हें अब तक लागू नहीं किया जा रहा। महंगाई भत्ता केवल एक बार दिया गया, जबकि उसके बाद पांच किस्त बकाया है। केंद्र सरकार द्वारा सितम्बर 2018 में घोषित वर्कर्स की बढ़ोतरी के 1500 रुपये व हेल्पर्स के 750 रुपये आज तक नहीं दिए गए। वर्कर्स से सुपरवाइजर की पदोन्नति नहीं की जा रही। 40-40 साल सेवा करने के बावजूद किसी प्रकार का सेवानिवृत्ति लाभ नहीं दिया जा रहा। संगठन नेताओं ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शिक्षा व्यवस्था व आइसीडीएस की मौत का दस्तावेज है। इसके लागू होने से स्कूली व्यवस्था चौपट होगी। दूसरी तरफ 45 साल से जारी आइसीडीएस परियोजना को ताला लगाने की तैयारी है। केंद्र सरकार ने इसे लागू करने के लिए 2030 की सीमा तय की है। हरियाणा के मुख्यमंत्री इसे 2025 से लागू करने की बात कर रहे हैं। प्ले स्कूलों के नाम पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से बिना कोई वेतन दिए तमाम काम करवाने की सरकार की योजना है।

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