एजेंसी हर माह बांटेगी 25 हजार प्रापर्टी टैक्स के बिल, रिसीविग भी लेगी

नगर परिषद चार साल बाद शहर में प्रापर्टी टैक्स के बिल बंटवाएगी। प्रापर्टी टैक्स के बिल के पीछे डोर टू डोर कूड़ा उठान का सुविधा चार्ज भी प्रिट कराया जाएगा। जिसमें रिहायशी कामर्शियल प्रापर्टी के सुविधा चार्ज के रेट लिखे जाएंगे। प्रापर्टी टैक्स के बिल के साथ ही ये चार्ज भी जोड़ा जाएगा। प्रापर्टी टैक्स के बिल बंटवाने के लिए नगर परिषद टेंडर लगा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 07:00 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 07:00 AM (IST)
एजेंसी हर माह बांटेगी 25 हजार प्रापर्टी टैक्स के बिल, रिसीविग भी लेगी
एजेंसी हर माह बांटेगी 25 हजार प्रापर्टी टैक्स के बिल, रिसीविग भी लेगी

जागरण संवाददाता, जींद : नगर परिषद चार साल बाद शहर में प्रापर्टी टैक्स के बिल बंटवाएगी। प्रापर्टी टैक्स के बिल के पीछे डोर टू डोर कूड़ा उठान का सुविधा चार्ज भी प्रिट कराया जाएगा। जिसमें रिहायशी, कामर्शियल प्रापर्टी के सुविधा चार्ज के रेट लिखे जाएंगे। प्रापर्टी टैक्स के बिल के साथ ही ये चार्ज भी जोड़ा जाएगा। प्रापर्टी टैक्स के बिल बंटवाने के लिए नगर परिषद टेंडर लगा रही है।

ठेका लेने वाली एजेंसी की जिम्मेदारी बिल बांटने तक ही सीमित नहीं रहेगी। एक माह में उसे 25 हजार बिल बांटने होंगे। जिसकी प्रापर्टी मालिक से रिसीविग भी लेनी होगी। जो लोग बिल मिलने के बाद भी टैक्स जमा नहीं कराएंगे, उन्हें नोटिस भी एजेंसी को ही भिजवाने होंगे। नोटिस देने के बावजूद बिल जमा नहीं करने पर नगर परिषद प्रापर्टी सील करेगी। लेकिन एजेंसी जवाबदेह होगी कि संबंधित प्रापर्टी मालिक को उसने बिल दिया था, जिसकी रिसीविग भी ली थी और बिल नहीं जमा कराने पर नोटिस भेजकर उसकी भी रिसीविग ली गई थी।

------------

साल 2017 में बांटे थे आखिरी बार बिल

गौरतलब है कि शहर में करीब 71 हजार प्रापर्टी हैं। नगर परिषद ने आखिरी बार साल 2017 में प्रापर्टी टैक्स के बिल बांटे थे। उसके बाद नगर परिषद प्रापर्टी का सर्वे करने का ठेका दिया। लेकिन प्रदेश स्तर पर याशी कंसल्टेंसी एजेंसी को प्रापर्टी सर्वे का ठेका देने की वजह से नगर परिषद को अपने स्तर पर कराए जा रहे सर्वे को बीच में रुकवाना पड़ा। तीन साल बीत जाने के बावजूद ये सर्वे अब तक पूरा नहीं हुआ है। जिस कारण प्रापर्टी टैक्स के बिल भी नहीं बांटे जा सके।

---------------

57 करोड़ टैक्स बकाया

इससे नगर परिषद का बकाया प्रापर्टी टैक्स लगातार बढ़ता जा रहा हे। प्रापर्टी टैक्स का रिकार्ड जब मैनुअल था, तब नगर परिषद का 10 करोड़ रुपये प्रापर्टी टैक्स बकाया होने का आंकलन था। लेकिन एनडीसी (नो ड्यूज सर्टिफिकेट) पोर्टल शुरू होने के बाद रिकार्ड आनलाइन हो गया। पोर्टल पर 57 करोड़ रुपये प्रापर्टी टैक्स बकाया दिखाया जा रहा है। जिला नगर आयुक्त संजय बिश्नोई नगर परिषद और नगरपालिका अधिकारियों से बकाया प्रापर्टी टैक्स की रिकवरी में तेजी लाने के आदेश दे चुके हैं।

-------------

नहीं है टैक्स इंस्पेक्टर, सेवादारों से लिया जा रहा काम

टैक्स इंस्पेक्टर करीब छह माह पहले रिटायर हुए थे। उससे पहले वे कई माह तक छुट्टी पर रहे। उनके जाने के बाद नगर परिषद में टैक्स इंस्पेक्टर का पद रिक्त है। टैक्स इंस्पेक्टर का काम जहां क्लर्क संभाल रहे हैं। वहीं प्रापर्टी आइडी बनाने, टैक्स जमा कराने से संबंधित काम सेवादारों के भरोसे है। जिससे व्यवस्था प्रभावित रहती है। प्रापर्टी आइडी बनवाने के लिए लोगों द्वारा दी जाने वाली फाइल गुम हो जाती है। बार-बार फाइल जमा करानी पड़ती है। स्टाफ की कमी के कारण काफी दिक्कत आ रही है।

---------------

शहर में जल्द ही प्रापर्टी टैक्स के बिल बंटवाए जाएंगे। इसके लिए टेंडर लगाया जा रहा है। लोगों से अपील है कि वे समय पर टैक्स जमा कराएं। जिससे शहरवासियों को बेहतर सुविधा मिल सके। नियमानुसार डोर टू डोर कूड़ा उठान का भी यूजर चार्ज जमा कराना होता है। जिसके कमर्शियल और रिहायशी प्रापर्टी के अलग-अलग रेट एरिया अनुसार निर्धारित किए गए हैं। प्रापर्टी टैक्स के बिलों के पीछे यूजर चार्ज रेट प्रिट कराए जाएंगे। शहरवासी यूजर चार्ज भी जमा कराएं। सुशील कुमार, ईओ, नगर परिषद

chat bot
आपका साथी