फिर सीएम विडो पर पहुंचा सफाई का मामला, गोलमाल के आरोप
शहर की सफाई का मामला अकसर चर्चा में रहता है।
जागरण संवाददाता, जींद: शहर की सफाई का मामला अकसर चर्चा में रहता है। नगर परिषद ने हाल ही में एक साल के लिए सफाई का ठेका देने के लिए टेंडर मांगे थे। तीन फर्म के आवेदन आए और 26 नवंबर को टेक्निकल बिड भी खुल चुकी है, लेकिन सफाई का ठेका नहीं हो सका। इससे शहर में सफाई व्यवस्था बदहाल है और जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। ठेका होने में देरी से नगर परिषद पर सवाल उठ रहे हैं। भटनागर कॉलोनी निवासी पवन ने टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए सीएम विडो पर शिकायत दी है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि नगर परिषद ने टेंडर में ऐसी शर्त लगाई, जिसे केवल दो एजेंसियां ही पूरा कर सकी। उसने दावा किया कि पिछले पांच साल में तीन बार केवल उक्त दोनों कंपनियों की टेक्निकल बिड ही पास होती है। उनमें से एक एजेंसी को ऊंचे रेट पर आसानी से टेंडर मिल जाता है। पिछले दो साल से इसी एजेंसी को जींद शहर की सफाई का ठेका मिल रहा है। इस बार भी नगर परिषद अधिकारियों के साथ सांठ-गाठ करके टर्नओवर और अनुभव की ऐसी शर्तें लगा दी, जिसे प्रदेशभर से कोई भी एससी सोसाइटी पूरा नहीं कर सकी। एजेंसी पर कोई कार्रवाई नहीं
जून में सफाई का ठेका खत्म हो गया था। उसके बाद ट्रायल के तौर पर फरीदाबाद की एजेंसी को नगर परिषद ने ठेका दिया था। आरटीआइ से पवन ने ही खुलासा किया था कि उक्त एजेंसी ने फर्जी कागजों के आधार पर टेंडर लिया। इसके बाद नगर परिषद ने एजेंसी की पेमेंट रोक दी। पवन ने सीएम विडो पर इस मामले में भी संबंधित एजेंसी पर कार्रवाई नहीं करने की शिकायत दी है। मुख्यालय से नहीं मिली है अनुमति
सफाई के ठेका देने में हो रही देरी के सवाल पर ईओ अरुण सिंह का कहना है कि एक साल के टेंडर के लिए मुख्यालय से मंजूरी मांगी है। वहां से मंजूरी नहीं आई है। टेंडर मांगे जा चुके हैं। फाइनेंशियल बिड में जिस एजेंसी के रेट कम मिलेंगे, उसे मुख्यालय से मंजूरी मिलने के बाद टेंडर दे दिया जाएगा।