ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए प्रशासन को करनी पड़ रही मशक्कत

स्वास्थ्य विभाग द्वारा रविवार को वैक्सीनेशन अभियान चलाया। हालांकि वैक्सीनेशन के लिए कुछ ही बूथ बनाए गए थे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Jun 2021 08:25 AM (IST) Updated:Mon, 28 Jun 2021 08:25 AM (IST)
ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए प्रशासन को करनी पड़ रही मशक्कत
ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए प्रशासन को करनी पड़ रही मशक्कत

जागरण संवाददाता, जींद : स्वास्थ्य विभाग द्वारा रविवार को वैक्सीनेशन अभियान चलाया। हालांकि वैक्सीनेशन के लिए कुछ ही बूथ बनाए गए थे। रविवार को 430 लोगों का ही टीकाकरण हो सका। इसमें 336 को पहली व 84 लोगों को दूसरी डोज लगी। स्वास्थ्यकर्मी लगातार वैक्सीनेशन करते आ रहे हैं। ऐसे में रविवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन कर्मियों को छुट्टी दी गई। रविवार को हेल्थ केयर वर्कर को दूसरी, 18 से 44 आयु वर्ग के 255 लोगों को पहली और 29 लोगों को दूसरी डोज दी गई। 45 से 60 आयु वर्ग के 62 लोगों को पहली, 27 लोगों को दूसरी, 60 वर्ष से ज्यादा आयु के 19 लोगों को पहली और 25 को दूसरी डोज दी गई। अब तक 25 हजार 997 लोगों को वैक्सीनेट किया जा चुका है। जिसमें दो लाख 21 हजार 825 को पहली तथा 29 हजार 172 को दूसरी डोज लग चुकी है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. नवनीत ने बताया कि सोमवार को वैक्सीनेशन का कार्य व्यापक स्तर पर किया जाएगा।

वैक्सीनेशन के लिए चलाया डोर-टू-डोर अभियान

उचाना : कोरोना वैक्सीन को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए प्रशासन को पसीना बहाना पड़ रहा है। प्रशासन की टीम गांवों में डोर-टू-डोर जाकर लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उचाना खुर्द गांव में 28 जून को लगने वाले टीकाकरण कैंप के लिए खंड विस्तार शिक्षक राज सिंह, ब्लाक आशा कोआर्डिनेटर नरेश कुमार के नेतृत्व में जागरूकता अभियान चलाया गया। अभियान में सुधा रानी, एएनएम दर्शना देवी के अलावा सभी आशा वर्करों द्वारा भाग लिया गया। गांव के उस एरिया में जागरूकता अभियान चला गया। जहां पर टीकाकरण के प्रति लोगों का रूझान कम था। जागरूकता अभियान के दौरान युवा वर्ग , बुजुर्गों व महिलाओं को टीकाकरण करवाने पर प्रेरित किया गया। राज सिंह ने कहा कि टीकाकरण केवल एक मात्र सुरक्षा कवच है जो कोरोनावायरस से सुरक्षा प्रदान करता है। इस समय पूरे देश में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। टीकाकरण संबंधित जो भी भ्रम ग्राम वासियों के मन में था उसको दूर करने का भरसक प्रयास किया गया। कुछ महिलाओं द्वारा टीकाकरण से बुखार होना, टीकाकरण की जगह पर दर्द होना, सूजन होना, सर्दी लगना, खारिश होना, शरीर में कमजोरी महसूस होना, शरीर पर हल्के दाने होना इत्यादि के बारे में पूछा, उनको जानकारी दी गई कि यह सामान्य प्रक्रिया है टीकाकरण के बाद यदि आप को बुखार आता है तो आप पीएचसी से पेरासिटामोल की टेबलेट ले सकते हैं। टीकाकरण के बाद घबराने की आवश्यकता नहीं है। दर्द अपने आप एक या 2 दिन में ठीक हो जाएगा। टीकाकरण की जगह पर थोड़ी बहुत सोई या यह की गांठ हो सकती है इस पर बर्फ रुमाल में डालकर आराम-आराम से इस पर लगाएं तो यह सब ठीक हो जाएंगे। टीकाकरण के बाद पानी अधिक पीएं। टीकाकरण के बाद भी मास्क लगा के रखना, बार-बार पानी से हाथ धोना, दो गज की दूरी बना कर रखना इत्यादि। डोर टू डोर जागरूकता अभियान के दौरान ग्राम वासियों को अधिक से अधिक कोविड-19 टीकाकरण करवाने के लिए प्रेरित किया गया।

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