नेशनल हाईवे पर अवैध कटों से बढ़ रहे हादसे, जून तक 24 डेंजर प्वाइंट पर 202 भिड़ंत, 104 की मौत

जींद में नेशनल हाइवे की फर्राटा भर रही सड़कों पर हादसे भी बढ़ रहे हैं। इन हादसों का सबसे बड़ा कारण सड़कों पर जगह-जगह बने अवैध कट हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Aug 2021 07:26 AM (IST) Updated:Wed, 25 Aug 2021 07:26 AM (IST)
नेशनल हाईवे पर अवैध कटों से बढ़ रहे हादसे, जून तक 24 डेंजर प्वाइंट पर 202 भिड़ंत, 104 की मौत
नेशनल हाईवे पर अवैध कटों से बढ़ रहे हादसे, जून तक 24 डेंजर प्वाइंट पर 202 भिड़ंत, 104 की मौत

जागरण संवाददाता, जींद : जिले में नेशनल हाईवे की फर्राटा भर रही सड़कों पर हादसे भी बढ़ रहे हैं। इन हादसों का सबसे बड़ा कारण सड़कों पर जगह-जगह बने अवैध कट हैं। मंगलवार को डीसी नरेश कुमार ने रोड सेफ्टी कमेटी की मीटिग में नेशनल हाइवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए जगह-जगह बने अवैध कटों को बंद करने के आदेश दिए। नेशनल हाईवे पर स्टेट हाईवे की तुलना में हादसों में मौत ज्यादा हो रही है।

जून तक पुलिस के आंकड़ों के अनुसार जिले में 24 डेंजर प्वाइंट पर 202 सड़क हादसे हुए हैं। इसमें 104 लोगों की मौत हुई है। एनएच-71, जो अब एनएच-351 बन चुका है, पर डूमरखां में डेंजर प्वाइंट पर सड़क हादसे में छह की मौत और 26 लोग घायल हो चुके हैं। सबसे ज्यादा सड़क हादसे इसी हाईवे पर हुए हैं। इन 24 डेंजर प्वाइंट में से अकेले 17 डेंजर प्वाइंट नेशनल हाईवे पर हैं। जनवरी से जून के बीच पिछले साल की तुलना में नेशनल हाईवे पर 127 फीसद हादसे बढ़े हैं। नेशनल हाईवे पर बढ़े हादसों पर डीसी ने एनएचएआइ के अधिकारियों को कहा कि लोगों की मौत पर विकास कोई मायने नहीं रखता है। बाईपास के निर्माण के दौरान बस स्टैंड के पास सर्विस रोड नहीं बनाया गया। गोहाना रोड से रोहतक की तरफ जाने वाले वाहन भी गलत दिशा से हाइवे पर जाते हैं। वहीं जो गांवों के लिक मार्ग हैं, वे भी नेशनल हाइवे से सीधे जुड़े हुए हैं। जिससे हादसे होने का खतरा है। अहिरका गांव जाने वाली सड़क सीधे नेशनल हाइवे से जुड़ी हुई है। यहां सर्विस रोड ना होने से हादसों का भय रहता है। डीसी ने एनएचएआइ अधिकारियों को आदेश दिए कि जो लिक सड़कें नेशनल हाइवे से जुड़ती हैं। उन सभी पर सर्विस रोड बनाकर फेन्सिग करवाएं, ताकि लिक सड़कों से सीधे वाहन नेशनल हाइवे पर प्रवेश ना कर सकें। इस काम को गंभीरता से लें, वरना उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मीटिग में एडीसी साहिल गुप्ता, जिला परिवहन अधिकारी प्रतीक हुड्डा, जींद एसडीएम दलबीर सिंह, नरवाना के एसडीएम सुरेंद्र कुमार, सफीदों के एसडीएम आनंद कुमार शर्मा, नगराधीश दर्शन यादव, डीएसपी पुष्पा खत्री, सड़क सुरक्षा समिति के गैर सरकारी सदस्यों समेत कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

एनएचएआई का तर्क: बाईपास बनाते समय प्लान में नहीं था बस स्टैंड

डीसी ने जब एनएचएआइ अधिकारियों से पांडू पिडारा के पास बने बस स्टैंड के सामने सर्विस रोड नहीं बनाने का कारण पूछा, तो एनएचएआइ अधिकारियों ने बताया कि नेशनल हाइवे और बाईपास के निर्माण के दौरान प्लान में बस स्टैंड का प्रोजेक्ट शामिल नहीं था। ये प्रोजेक्ट बाद में आया, जिससे यहां सर्विस रोड नहीं बना सकते। सर्विस रोड ना बनने की वजह से बस स्टैंड उद्घाटन के बावजूद आठ माह से शुरू नहीं हो पाया है। जिसका मामला विधानसभा में भी भाजपा विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा ने उठाया। सर्विस रोड बनाने के लिए एनएचएआइ ने रोडवेज से करीब सवा नौ करोड़ रुपये की डिमांड की है। रोडवेज ने बजट देने के लिए सरकार को लिखा हुआ है। जब तक सर्विस रोड नहीं बनता, तब तक बस स्टैंड शिफ्ट नहीं होगा।

अधिकारियों की जगह आए स्टाफ को मीटिग से निकाला

डीसी ने मीटिग शुरू होते ही सबसे पहले सभी अधिकारियों का परिचय लिया। शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग की तरफ से खुद अधिकारियों ने आने की बजाय अपने स्टाफ को भेजा हुआ था। डीसी ने उन्हें मीटिग से बाहर निकालते हुए संबंधित विभाग के मुखिया को आने के निर्देश दिए। डीसी के कड़े तेवर अपनाने के बाद स्वास्थ्य विभाग से सिविल सर्जन डा. मंजीत सिंह और डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला पहुंचे। डीसी ने अधिकारियों से कहा कि अगली बार मीटिग में खुद विभाग के अधिकारी ही आएं। वरना उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

गोवंश नेशनल हाईवे पर आ गए, तो और बढ़ जाएंगे हादसे

शहर में बेसहारा गोवंश के मुद्दे पर भी डीसी ने मीटिग में हैरानी जताते हुए कहा कि सड़कों पर जहां भी नजर जाती है, गोवंश ही नजर आता है। अभी तक तो गोवंश शहर में सड़कों पर है। अगर ऐसी ही स्थिति रही, तो नेशनल हाइवे पर भी गोवंश पहुंच जाएगा। तब हादसे और तेजी से बढ़ेंगे। इसलिए बेसहारा घूम रहे गोवंश को पकड़ कर कहीं आश्रय दिया जाए। शहर से बेसहारा पशुओं को सुरक्षित स्थलों पर छोड़ने के लिए स्पेशल गाड़ियां तैयार करें, ताकि पशुओं को गाड़ियों में चढ़ाने तथा उतारने में कोई परेशानी ना हो। बेसहारा गोवंश को राजस्थान के वन वन्य जीव अभयारण्य छोड़ने, गोशालाओं में छोड़ने समेत कई विकल्पों पर विचार विमर्श किया गया।

नो पार्किंग में खड़े वाहनों को करें जब्त, पार्किंग स्थल विकसित किए जाएं

शहरी क्षेत्रों में सड़कों पर गाड़ियां खड़ी ना हों। इसके लिए डीसी ने नगर परिषद और संबंधित दूसरे विभागों को पार्किंग स्थलों की पहचान करने के आदेश दिए। जींद शहर में गुरुद्वारा के सामने नगर परिषद की खाली जमीन है। यहां भी पार्किंग स्थल बनाने पर चर्चा चली। डीसी ने शहर में सड़क किनारे गलत तरीके से खड़ी गाड़ियों को जब्त करने के आदेश दिए। इसके लिए क्रेन (रिकवरी वाहन) किराये पर लेने के लिए कहा। नगर परिषद ने क्रेन खरीदने के लिए 15 लाख रुपये का बजट रिजर्व किया था। लेकिन डीसी ने क्रेन खरीदने की बजाय किराये पर लेने का सुझाव दिया। वहीं अतिक्रमण हटाने के भी आदेश दिए। डीसी ने बाजार में अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ भी अभियान चलाने के भी निर्देश दिए।

पांच-पांच किलोमीटर आदर्श रोड बनाएं

डीसी ने एनएचएआइ, बीएंडआर, मार्केटिग बोर्ड को आदेश दिए कि अपनी सड़कों पर जहां गड्ढे हैं, उन्हें भरवाएं। सड़कों के बीच से बिजली के पोल हटवाए जाएं। सभी संबंधित विभाग पांच-पांच किलोमीटर आदर्श सड़क बनाएं। जो यातायात के सभी नियमों पर खरा उतरें। शहर में फिलहाल पटियाला चौक पर ही एक ट्रैफिक लाइट है। डीसी ने शहर में बाकी जगहों पर जहां जाम की स्थिति रहती है, उन जगहों को चिह्नित कर ट्रैफिक लाइट लगाई जाएं। वाहन चालकों को सड़क सुरक्षा नियमों की पालना करवाने के लिए समय- समय पर जागरूकता अभियान चलाया जाए। स्कूली वाहनों की चेकिग भी करते रहें।

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