आप ने विधायक ढांडा के निवास पर दिया धरना

आम आदमी पार्टी ने नए कृषि कानूनों के विरोध में जुलाना से जेजेपी विधायक अमरजीत ढांडा निवास स्थान पर खरकरामजी में धरना दिया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Dec 2020 09:41 AM (IST) Updated:Mon, 28 Dec 2020 09:41 AM (IST)
आप ने विधायक ढांडा के निवास पर दिया धरना
आप ने विधायक ढांडा के निवास पर दिया धरना

जागरण संवाददाता, जींद : आम आदमी पार्टी ने नए कृषि कानूनों के विरोध में जुलाना से जेजेपी विधायक अमरजीत ढांडा निवास स्थान पर खरकरामजी में धरना दिया। किसान आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि भी दी गई। आप नेता राजकुमार पहल ने कहा कि किसान व मजदूर कमेरे वर्ग ने विधायक बनाया है। आज किसान व मजदूर दुखी है। इस समय में विधायक को उनका साथ देना चाहिए। विधायक को ज्ञापन सौंप कर नए कृषि कानूनों के फायदे बताने के लिए कहा गया। किसानों और आप कार्यकर्ताओं ने विधायक से किसानों के साथ आने की मांग की। विधायक अमरजीत ढांडा ने कहा कि वे किसानों के साथ हैं, लेकिन इस्तीफा नहीं देंगे। राजकुमार पहल ने बताया कि जुलाना हलके के हर गांव में किसान चौपाल लगाई जाएंगी। जिसमें फैसले लिए जाएंगे कि सरकार का कोई सांसद या विधायक अगर गांव में आता है, तो उसके साथ कैसा बर्ताव करना चाहिए। इस मौके पर आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष लाभ सिंह, कृष्ण डूमरखा, भीम सिंह मलिक, रोहताश शामलो, सुमित लाठर, ओम कुमार नंदगढ़, रमेश निदाना, बल्लू राम, राजेश लांबा, धूप सिंह, हीरानंद, सतीश प्रजापति, राज सिंह मौजूद रहे।

किसानों को बातों में ही घूमा रही केंद्र सरकार : श्योकंद

संवाद सूत्र, उचाना : जागरूक किसान मोर्चा के प्रधान रणबीर श्योकंद ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को गोल-गोल बातों में घूमा रही है। आज किसानों को सर्दी के मौसम में धरना देते हुए 32 दिन बीत चुके हैं। 40 से ज्यादा किसानों की मौत आंदोलन के दौरान हो चुकी है। इसके बावजूद सरकार किसानों की बातों को नहीं सुन रही है। तीन कृषि कानून लागू होने के बाद किसान ही नहीं बल्कि आम आदमी को भी नुकसान होगा। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसल की लागत का डेढ़ गुणा भाव फसल का किसानों को मिलना चाहिए, जो अभी तक नहीं मिल रहा। 23 से ज्यादा फसलें है, केंद्र सरकार स्पष्ट करे कि कितनी फसलों का एमएसपी आज मिल रहा है। कभी पीएम मन की बात करते है तो कभी केंद्रीय कृषि मंत्री किसानों के नाम पत्र लिखते है। केंद्र सरकार को चाहिए कि इन तीनों कानूनों को रद करे।

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