600 स्वास्थ्य कर्मियों को तीन माह से नहीं मिला वेतन
स्वास्थ्य विभाग में जिले में कार्यरत 600 कर्मियों को तीन माह से वेतन नहीं मिला है। वेतन को लेकर कर्मचारी स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ आउटसोर्स फर्म के प्रतिनिधियों से वेतन के लिए कई बार गुहार लगा चुके हैं।
जागरण संवाददाता, जींद : स्वास्थ्य विभाग में जिले में कार्यरत 600 कर्मियों को तीन माह से वेतन नहीं मिला है। वेतन को लेकर कर्मचारी स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ आउटसोर्स फर्म के प्रतिनिधियों से वेतन के लिए कई बार गुहार लगा चुके हैं। वेतन नहीं मिलने के कारण इन कर्मचारियों के सामने घर का गुजारा चलाना मुश्किल हो गया है। 600 कर्मियों का प्रति माह के वेतन का करीब सवा करोड़ रुपये बिल बनता है। कर्मचारियों के वेतन के बिल को पास करने के लिए स्वास्थ्य विभाग व आउटसोर्स फर्म के बीच में खींचतान चल रही है। जहां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार आउटसोर्स पालिसी के अनुसार पहले फर्म ने कर्मचारियों का वेतन देना होगा और उसके बाद उन बिलों को पास किया जाएगा।
वहीं आउटसोर्स फर्म इस बात पर अड़ी हुई है कि पहले विभाग उनके बिलों को पास करे और उनके खाते में वेतन की राशि आने के बाद ही आउटसोर्स कर्मचारियों के खाते में राशि डाली जाएगी। साढ़े तीन माह से चल रहे इस विवाद में आउटसोर्स कर्मी पीस रहे हैं। ऐसे में अब धीरे-धीरे आउटसोर्स कर्मियों का धैर्य जवाब देने लगा है। आगामी दिनों में इन कर्मियों की सेलरी खातों में नहीं डाली गई तो ये आंदोलन की राह पकड़ लेंगे। जिससे स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो सकती हैं।
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नागरिक अस्पताल के तहत 219 कर्मी कार्यरत
स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स फर्म के माध्यम से जिले की सभी पीएचसी व सीएचसी व जिला मुख्यालय के अस्पताल पर लगभग 600 कर्मचारी स्वीपर, वार्ड ब्वाय, हेल्पर, सिक्योरटी गार्ड, इलेक्ट्रीशियन, कंप्यूटर आपरेटर, ओटी हेल्पर सहित विभिन्न पदों पर कार्य कर रहे हैं। इसमें जींद नागरिक अस्पताल में ही 219 कर्मी विभिन्न पदों पर काम कर रहे हैं। बाकायदा इन कर्मियों द्वारा इमरजेंसी सेवाओं भी ली जा रही है। नए टेंडर जारी होने के बाद इन कर्मचारियों को केवल मई माह का वेतन मिला है। इसके बाद जून, जुलाई व अगस्त का वेतन बकाया है और सितंबर माह भी आधा आ चुका है। कर्मचारियों ने बताया कि यह कोई पहली बार नहीं है। हर बार उनके साथ ऐसा ही किया जाता है। जब भी वेतन की बात आती है तो ऐसे ही उनको लटकाया जाता है। पिछले तीन माह से उनका वेतन नहीं आया है जिसकी वजह से घर चलाना तो दूर की बात आज जरूरत की चीजें भी नहीं खरीद पा रहे हैं। ऐसे में कर्मियों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। इसके बावजूद भी ठेकेदार द्वारा उनके खातों में मेहनताना नहीं डाला जा रहा है।
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कर्मियों को वेतन दिए जाने के लिए आउटसोर्स कंपनी ठेकेदार को कहा गया है। इसके साथ ही यह मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया है। प्रयास है कि सभी आउटसोर्स कर्मियों को वेतन शीघ्र मिले। डा. रमेश पांचाल, नोडल अधिकारी