पराली जलाने पर रेड जोन में जिले के 27 और ऑरेंज जोन में 60 गांव
जींद जिले के जिन गांवों में पिछले साल पराली जलाने के मामले सामने आए थे। उ
जागरण संवाददाता, जींद : जिले के जिन गांवों में पिछले साल पराली जलाने के मामले सामने आए थे। उन्हें रेड और ऑरेंज जोन में बांटा गया है। रेड जोन में कुल 27 गांव हैं। जिनमें से अकेले नरवाना ब्लॉक के 16 गांव हैं। वहीं अलेवा के चार, उचाना के छह और सफीदों का एक गांव है। वहीं ऑरेंज जोन में 60 गांव हैं। इनमें भी नरवाना के सबसे ज्यादा 22 गांव हैं। हरसेक द्वारा पिछले साल 25 सितंबर से पांच दिसंबर तक जो आग की लोकेशन भेजी गई थी। उसी आधार पर जिस गांव में दो से पांच लोकेशन आई, उसे ऑरेंज जोन में रखा गया है। वहीं जिस गांव में छह से अधिक आग लगने की लोकेशन मिली, उसे रेड जोन में रखा गया है। इस बार धान सीजन में इन गांवों पर प्रशासन की ज्यादा नजर रहेगी। नरवाना में पराली जलाने के ज्यादा मामले मिलने की सबसे बड़ी वजह यहां पीआर धान का होना है। पीआर धान की कटाई सितंबर के अंतिम सप्ताह में शुरू होती है। जिसकी ज्यादातर कटाई कंबाइन से होती है। कटाई के बाद बचे हुए अवशेष में किसान आग लगा देते हैं। ---------------
ब्लॉक वाइज रेड जोन में गांव
नरवाना ब्लॉक
अंबरसर, बेलरखां, ढाबी टेकसिंह, भाणा ब्राह्माण, दनौदा कलां, दनौदा खुर्द, धमतान साहिब, गुरथली, कालवन, खरल, लौन, फुलियां कलां, पिपलथा, रसीदां, सच्चाखेड़ा, उझाना
उचाना ब्लॉक
बडनपुर, ढोहाना खेड़ा, करसिधु, मंगलपुर, सुरबरा, उचाना खुर्द
अलेवा ब्लॉक
अलेवा, बिघाना, दुड़ाना, पेगां
---------------------- ब्लॉक वाइज ऑरेंज जोन वाले गांव
अलेवा ब्लॉक
रायचंदवाला, डाहौला, नगूरां, थुआ, संडील, हसनपुर, शामदो
जींद ब्लॉक
दालमवाला, राजपुरा, झांझ खुर्द, श्रीराग खेड़ा,
जुलाना ब्लॉक
बराड़ खेड़ा, ढिगाना, शामलो खुर्द,
नरवाना ब्लॉक
दबलैन, डिडोली, धरौदी, गढ़ी, हंसडहर, हथो, जुलहेड़ा, कलौदा खुर्द, खरड़वाल, लोहचब, मोहलखेड़ा, नारायणगढ़, सुरजाखेड़ा, दातासिंहवाला, हरनामपुरा, ईस्माइलपुर, सैंथली, अमरगढ़, ढाकल, रेवड़, चक उझाना, पदार्थ खेड़ा
पिल्लूखेड़ा ब्लॉक
ढाठरथ, कालवा, बुढ़ाखेड़ा, जामनी
सफीदों ब्लॉक
रामपुरा, साहनपुर, ऐंचरा खुर्द, छाप्पर, मलिकपुर, निम्नाबाद
उचाना ब्लॉक
अलीपुरा, घसो खुर्द, खटकड़, खेड़ी सफा, दरोली खेड़ा, झील, खेड़ी मसानिया, उदयपुर, डूमरखां कलां, काकड़ौद, मांडी कलां, सुदकैन कलां, सुंदरपुरा ----------------
पिछले साल 605 लोकेशन आई थी
कृषि विभाग के क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर नरेंद्र पाल ने बताया कि पिछले साल जिलेभर में हरसेक की तरफ से 605 फायर लोकेशन भेजी गई थी। उसी आधार पर गांवों को रेड और ऑरेंज जोन में बांटा गया है। पराली जलाने पर पूरी तरह से रोक लगे, इसके लिए किसानों को जागरूक किया जाएगा। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए हैप्पी सीडर, सुपर सीडर व अन्य कृषि यंत्रों पर किसानों को अनुदान दिया जा रहा है।