जागरण सरोकार : कामकाजी महिलाओं को मिलेगा हास्टल, तय हो पाएगी आर्थिक संपन्नता की डगर

- प्रदेश के प्रत्येक जिले में बनेगा कामकाजी महिलाओं के लिए हास्टल

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 07:40 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 07:40 PM (IST)
जागरण सरोकार : कामकाजी महिलाओं को मिलेगा हास्टल, तय हो पाएगी आर्थिक संपन्नता की डगर
जागरण सरोकार : कामकाजी महिलाओं को मिलेगा हास्टल, तय हो पाएगी आर्थिक संपन्नता की डगर

दीपक शर्मा, झज्जर : सरकार कामकाजी महिलाओं को हास्टल की सुविधा देने जा रही है। जिससे फील्ड में काम करने वाली महिलाओं को रहने में किसी स्तर पर कोई परेशानी न हो। इसके लिए प्रदेश के प्रत्येक जिले में कामकाजी महिलाओं के लिए हास्टल बनाए जाएंगे। जिससे कि महिलाओं को अपने कार्यक्षेत्र में सभी सुविधाएं प्राप्त हो। सबसे पहले हास्टल बनाने के लिए विभाग द्वारा सुझाव मांगे गए हैं। जिसके आधार पर हास्टल बनाने के लिए चयन किया जाएगा। वहीं हास्टल बनाने वाले को सरकार द्वारा मदद दी जाएगी। इसका उद्देश्य यह भी है कि महिलाओं को सस्ता व नजदीक ठहरने के लिए जगह मिलें। ऐसा होने से महिलाओं की आर्थिक संपन्नता की डगर भी तय हो पाएगी। इसके लिए स्थान का चयन किया जा रहा है। वहीं महिलाओं की पहुंच में आसानी से उपलब्ध रहे, ऐसे स्थान पर ही कामकाजी महिलाओं के लिए हास्टल (वर्किंग वूमन हास्टल) बनाया जाएगा।

प्रदेश के प्रत्येक जिले में सरकार अब कामकाजी महिलाओं के ठहरने के लिए हास्टल की सुविधा देने जा रही है। सबसे पहले हास्टल के लिए उचित स्थान का चयन किया जा रहा है। जहां पर महिलाएं आसानी से पहुंच सके। साथ ही सुरक्षित व साफ-सुथरा माहौल हो। जहां काम करने वाली महिलाओं को इसकी सबसे अधिक आवश्यकता हो। स्कीम के तहत राज्य सरकार ही नहीं केंद्र सरकार भी आर्थिक सहायता कर रही है। कामकाजी महिलाओं के लिए बनाए जाने वाले हास्टल में 60 फीसद केंद्र सरकार का 15 फीसद राज्य सरकार का व 25 फीसद हिस्सा जो हास्टल बनाएगा उसे लगाना होगा। ताकि लोग इस स्कीम से जुड़कर कामकाजी महिलाओं के लिए हास्टल बनाएं। इसलिए सरकार आर्थिक मदद भी कर रही है। कामकाजी महिलाओं के लिए बनाए जाने वाले हास्टल काफी मददगार सिद्ध हो सकते हैं। खासकर उन महिलाओं के लिए जो काफी दूर से कामकाज करने के लिए आती हैं। ऐसी महिलाओं को या तो हर रोज घर से आफिस व आफिस से घर आना-जाना पड़ता है। इस सफर में समय नष्ट होता है। साथ ही आर्थिक बोझ भी बढ़ता है। वहीं परेशानी भी उठानी पड़ती है। या फिर ऐसी महिलाओं को जहां वे नौकरी कर रही हैं, उस एरिया के आसपास कोई मकान किराए पर लेना पड़ता है। ऐसी महिलाओं के लिए यह स्कीम काफी कारगर रहेगी। वे महिलाएं अपने कार्य क्षेत्र के नजदीक हास्टल में ठहर सकती हैं। बाक्स :

कामकाजी महिलाओं के लिए बनने वाले हास्टल में ठहरने के लिए महिलाओं के वेतन को आधार मानकर चयन किया जाएगा। मेट्रो सिटी की बात करें तो जिन महिलाओं का वेतन 50 हजार से कम है उनको इन हास्टल में ठहरने की सुविधा मिलेगी। वहीं अन्य जिलों में महिलाओं का वेतन 35 हजार तक होना चाहिए। 35 हजार से अधिक वेतन वाली महिलाओं को इस सुविधा का लाभ नहीं मिल पाएगा। साथ ही हास्टल का किराया भी महिलाओं काफी कम ही रखा जाएगा। ताकि महिलाएं इनका आसानी से इस्तेमाल कर सकें।

- कामकाजी महिलाओं के लिए प्रदेश के प्रत्येक जिले में हास्टल बनाए जाएंगे। ताकि कामकाजी महिलाओं को ठहरने के लिए उचित स्थान मिल सके। जिले में हास्टल बनाने के लिए जगह की तलाश की जा रही है। कामकाजी महिलाओं की सुविधा को देखते हुए जगह का चयन किया जाएगा।

नीना खत्री, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, झज्जर।

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