महिलाएं भी आ रहीं मधुमेह की चपेट में, सावधानी जरूरी

जागरण संवाददाता, झज्जर : बुधवार को विश्व मधुमेह दिवस के मौके पर दैनिक जागरण की ओर से

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 11:49 PM (IST) Updated:Wed, 14 Nov 2018 11:49 PM (IST)
महिलाएं भी आ रहीं मधुमेह की चपेट में, सावधानी जरूरी
महिलाएं भी आ रहीं मधुमेह की चपेट में, सावधानी जरूरी

जागरण संवाददाता, झज्जर :

बुधवार को विश्व मधुमेह दिवस के मौके पर दैनिक जागरण की ओर से यहां स्थित राव मंगली राम पार्क में जांच शिविर का आयोजन किया गया। समस्या के प्रारंभ होने से पहले ही समाधान हो इस बात को केंद्र में रखते हुए बुधवार को विश्व मधुमेह दिवस के मौके पर दैनिक जागरण की ओर से यहां स्थित राव मंगली राम पार्क में जांच शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में पहुंचे 140 रोगियों को डा. नरेश दलाल एवं उनकी टीम में शामिल सुनील, शिव कुमार व अर¨वद कुमार ने जांच के बाद आवश्यक परामर्श दिया।

वहीं, आप और हम संस्था से जुड़ी युवाओं की टीम ने मदद का हाथ बढ़ाते हुए लोगों को कैंप से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। हर आयु वर्ग से जुड़े लोगों ने कैंप में पहुंचे विशेषज्ञों की राय का फायदा उठाया। सावधानी ही है उपचार

हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है। विश्व मधुमेह दिवस को अंतरराष्ट्रीय मधुमेह संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्ष 1991 में शुरू किया गया था। प्रति वर्ष डायबिटीज डे का अलग लक्ष्य होता है। कभी मधुमेह को लेकर लोगों को शिक्षित करने का वर्ष मनता है तो कभी कुछ और। चूंकि सब जानते हैं कि डायबिटीज का इलाज बचाव है। इससे ही इसे नियंत्रित किया जा सकता है। थोड़ी सावधानी बरती जाए तो इससे होने वाले खतरों से बचाव किया जा सकता है। डायबिटीज कई बार प्राकृतिक या आनुवांशिक कारणों से होती है। हर सात में से एक मधुमेह रोगी मिला

शिविर में जो आंकड़े सामने आए। वह चौंकाने वाले हैं। शिविर में मुख्य बात देखने को मिली कि हर सात में से एक मधुमेह रोगी मिला। कुछ तो ऐसे भी थे जो कि नियमित रूप से दवा का सेवन कर रहे थे। जबकि कुछ ऐसे भी थे जिनके लिए अभी से सावधानी बरतना जरूरी है। डा. नरेश दलाल ने बताया कि ब्लड में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करना जरूरी होता है। अगर आप घर-परिवार के साथ खुशियां मनाते हुए थोड़ा बहुत मिठाई या दूसरे पकवान खा भी लेते हैं, तो पानी खूब पिएं। इसके अलावा खाने में इस दिन कच्चे सलाद का प्रयोग करें। अपने आहार के बारे में अपने चिकित्सक से पहले ही पूछ लें और उसी डाइट चार्ट को फॉलो करें। महिलाएं भी पहुंची कैंप का फायदा उठाने

शहरी महिलाओं में मधुमेह के मामले बढ़ रहे हैं। बुधवार को जांच शिविर में परामर्श लेने के लिए पहुंची महिलाएं भी मधुमेह से प्रभावित मिलीं। डा. दलाल ने बताया कि शहरों में बदलती हुई जीवनशैली, खान-पान की बदलती आदतें और लगातार बढ़ता काम का दबाव ही इस बीमारी की प्रमुख वजह है। उन्होंने कहा कि शहरी जीवन में भाग दौड़ के चलते लोगों की जीवनशैली तेजी से बदली है। उनके पास न तो खाने का समय है और न ही शारीरिक कसरत का। इसके अलावा फास्ट फूड का बढ़ता प्रचलन लोगों को इस बीमारी के मुंह में धकेल रहा है।

बतौर विशेषज्ञ परामर्श देने के लिए पहुंचे डा. रमन भंडारी और डा. अशोक नागपाल ने बताया कि शहरी इलाकों में खासकर महिलाओं को दोतरफा दबाव झेलना पड़ता है। उनको घर भी संभालना होता है और दूसरी तरह दफ्तर में तनाव तथा काम के बोझ से भी जूझना पड़ता है। ऐसी महिलाओं के पास शारीरिक कसरत का भी समय नहीं होता। व्यस्तता और काम के बोझ से वह नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच भी नहीं करा पातीं। इसी वजह से ऐसी महिलाओं में मधुमेह के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। जो कि ¨चता का विषय होने के साथ-साथ जागरूक बने रहने का भी संकेत देता है। इनका मिला विशेष सहयोग

आप और हम संस्था के वरिष्ठ सदस्य गुलशन शर्मा, प्रधान पवन अरोड़ा, आशीष चावला, राजेश आजाद, सतपाल, नितिन गेरा, सचिन यादव, संजय पोपली, अमित बत्रा, मनोज गुर्जर, अमित सचदेवा, तुषार शर्मा, संटी उर्फ मनोज तलवार, राहुल चुघ, गो¨वद्र खत्री, विनीत उर्फ टोलू पोपली, कर्ण, रोहित बत्रा आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे। समर्पण वेलफेयर सोसाइटी की मदद से हर माह के पहले रविवार को लगेगा शिविर

समर्पण वेलफेयर सोसायटी के संरक्षक एवं पालिका के उपाध्यक्ष प्रवीण गर्ग तथा सोसाइटी के प्रधान एवं महाराजा अग्रसेन ट्रस्ट के उपाध्यक्ष अमित ¨सघल ने भविष्य में दैनिक जागरण के साथ मिलकर इस तरह के शिविर लगाने का कार्यक्रम भी तय किया है। जिसमें प्राय: प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को शहर के किसी भी प्रमुख पार्क या व्यस्त रहने वाले स्थान पर इस तरह के कैंप नियमित रूप से लगाए जाएंगे। जिसमें चिकित्सकीय परामर्श के साथ-साथ यथासंभव दवाइयां भी प्रदान की जाएंगी। ताकि शहर के अधिकाधिक लोग स्वस्थ रहें।

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