बिजली के झटकों व जर्जर लटकते तारों से परेशान सिवाना के ग्रामीण अब नहीं भरेंगे बिजली बिल

बिजली के झटकों व जर्जर हालत में लटकते तारों से परेशान गांव सिवाना के ग्रामीणों ने बिजली बिल नहीं भरने का फैसला लिया। साथ ही कहा कि जब तक उनके गांव की बिजली संबंधित समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता वे बिजली बिल नहीं भरेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 30 Sep 2020 06:30 AM (IST) Updated:Wed, 30 Sep 2020 06:30 AM (IST)
बिजली के झटकों व जर्जर लटकते तारों से परेशान सिवाना के ग्रामीण अब नहीं भरेंगे बिजली बिल
बिजली के झटकों व जर्जर लटकते तारों से परेशान सिवाना के ग्रामीण अब नहीं भरेंगे बिजली बिल

संवाद सूत्र,बेरी : बिजली के झटकों व जर्जर हालत में लटकते तारों से परेशान गांव सिवाना के ग्रामीणों ने बिजली बिल नहीं भरने का फैसला लिया। साथ ही कहा कि जब तक उनके गांव की बिजली संबंधित समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता वे बिजली बिल नहीं भरेंगे। हालांकि अभी तक 85-90 फीसद तक ग्रामीण बिजली बिल अदा करते आ रहे थे। लेकिन अब गुस्साए ग्रामीणों ने मंगलवार को गांव में बैठक करके यह निर्णय लिया है। वहीं बिजली वोल्टेज में उतार-चढ़ाव होने के कारण ग्रामीणों के काफी बिजली उपकरण भी खराब हो चुके हैं। वहीं पिछले तीन माह में जलघर की करीब 15 पानी की मोटर खराब हो चुकी हैं, इसलिए गांव में पानी सप्लाई भी प्रभावित हो रही है। पीने के पानी के लिए भी ग्रामीणों को भटकना पड़ता है।

गांव सिवाना में मंगलवार को मौजिज व्यक्ति व युवाओं ने बैठक की। जिसमें सर्व सम्मति से निर्णय लिया कि जब तक गांव में बिजली समस्या का समाधान नहीं होगा तब तक ग्रामीण बिल नहीं भरेंगे।ग्रामीण सुखबीर उर्फ सुकर ने बताया कि अब तक गांव में औसतन 85 से 90 फीसद लोग बिजली बिल भरते थे। गांव में किसी भी ट्रांसफार्मर लाइन काटने के लिए कोई स्विच नहीं है, कई बार बिजली लाइन टू फेस हो जाती है और ग्रामीणों के बिजली उपकरण जल जाते (खराब हो जाते) है। रात के समय बिजली लाइन में फाल्ट आता है तो बिजली कर्मचारी इसका समाधान करने भी नहीं पहुंचता। अगले दिन ही बड़ी मुश्किल से ठीक करते हैं। ग्रामीणों ने रात को एक बिजली कर्मचारी उपलब्ध कराने की मांग की। ग्रामीण नवीन ने कहा कि गांव में जगह-जगह बिजली के तार काफी कम ऊंचाई पर लटक रहे हैं। वहीं हालत भी जर्जर हो चुकी है। कई बार टूट जाते हैं और आए दिन इन तारों में फाल्ट हो जाते हैं। जिस कारण हादसों को न्यौता दे रहे हैं। तारों की ऊंचाई कम होने के कारण उनके नीचे से अगर कोई गुजरता है तो संपर्क में आने से करंट लगने का डर बना रहता है। पूर्व सरपंच भागमल ने कहा कि रास्ते के बीच में खड़े बिजली के ट्रांसफार्मर खतरे की घंटी हो। हालांकि ग्रामीणों ने खुद की सुरक्षा के लिए उनके चारों तरफ लकड़ियां डाली हुई है। रास्ते में ट्रांसफार्मर होने के कारण कुछ दिन पहले दो भैंसों की भी मौत हो गई थी। अधिकारियों से मिलकर इन ट्रांसफार्मर को बीच रास्ते से हटाने की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसलिए ग्रामीणों ने समस्याओं का समाधान ना होने तक बिजली बिल नहीं भरने का फैसला लिया है। कम वोल्टेज होने के कारण पिछले तीन महीने में जलघर की 14-15 पानी की मोटर जल चुकी (खराब हो चुकी) हैं। एक मोटर जलने के बाद उसको ठीक करवाने या नई मोटर लाने में काम से कम दो-चार दिन लग जाते हैं। जिस कारण ग्रामीणों को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल रहा। यदि कम वोल्टेज की दिक्कत ना होती तो ग्रामीणों को पूरा पानी मिलता।

राममेहर, पंप ऑपरेटर, जलघर, सिवाना। -कम वोल्टेज व बिजली के तारों की जर्जर हालत लंबे समय से चली आ रही है। कम वोल्टेज के कारण ग्रामीणों को गर्मी में भी पानी की समस्या का सामना करना पड़ा। इसके लिए विभाग के उच्च अधिकारियों को बार-बार लिखित शिकायत दी जा चुकी है, लेकिन लंबे समय से सिर्फ आश्वासन मिल रहा है। समस्या का कोई समाधान नहीं हो रहा।

हरिओम, सरपंच, सिवाना।

कम वोल्टेज की समस्या काफी समय पहले आई थी। उसको ठीक करवा दिया था, लेकिन इस समय भी कम वोल्टेज की समस्या चल रही है। यह मामला संज्ञान में नहीं आया था। ग्रामीणों की विभाग से संबंधित जो भी समस्या है उसका जल्द समाधान करवा दिया जाएगा। ताकि ग्रामीणों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।

जोगेंद्र सिंह, एसडीओ, बिजली निगम, कलानौर।

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