मरीजों की संख्या बढ़ने पर पेंचीदा हो जाएंगे हालात, होम आइसोलेशन की वजह से मिल रही मदद
- 10 फीसद से भी कम केस अस्पतालों में भर्ती - 90 फीसद मेडिकल अधिकारी तैनात कोविड मरीजों के
- 10 फीसद से भी कम केस अस्पतालों में भर्ती
- 90 फीसद मेडिकल अधिकारी तैनात, कोविड मरीजों के लिए आईसीयू बेड भी उपलब्ध
- करीब 150 ऑक्सीजन मरीजों के लिए उपलब्ध जागरण संवाददाता, झज्जर : मौजूदा समय में एक्टिव केसों की संख्या 850 से ज्यादा हैं। जिसमें से अभी राहत की बात यह है कि 10 फीसद से कम मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं और 90 फीसद मरीज अपने घर पर रहते हुए उपचार करा रहे हैं। कुल मिलाकर, इस अनुपात तक तो सभी कुछ ठीक हैं। अगर, बढ़ते हुए संक्रमितों की संख्या के अनुपात में भर्ती होने वालों की संख्या बढ़ती हैं तो बेशक ही जिला में हालात पेंचीदा हो जाएंगे। जिसके लिए अभी संभलने की जरूरत हैं। मौजूदा समय में कोविड मरीजों के लिए 91 आईसीयू के बेड उपलब्ध हैं। जरूरत पड़ने पर निजी अस्पतालों के बेड भी उपचार के लिए इस्तेमाल में लाए जा सकते हैं। इसलिए, जरूरी हो जाता है कि हम सभी हालात को अच्छी तरह से समझें और एहतियात बरते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा के ²ष्टिगत नियमों का पालन करें। करीब 150 ऑक्सीजन मरीजों के लिए उपलब्ध
बॉक्स : संसाधनों की बात करें तो अभी तक सभी कुछ नियंत्रण में हैं। लेकिन, बढ़ता हुआ आंकड़ा जरूर इशारा कर रहा है कि हालात पेंचीदा होने के साथ-साथ दिक्कत बढ़ सकती हैं। स्टॉफ के लिहाज से 90 फीसद तक मेडिकल आफिसर जिला में तैनात हैं। कुल 206 में 179 अपनी सेवाएं जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण आंचल में दे रहे हैं। ऑक्सीजन के 150 सिलेंडर उपलब्ध हैं। जो कि मरीजों को उपचार के अलावा एंबुलेंस पर भी जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल किए जा रहे हैं। सांस लेने की तकलीफ से जुड़े मरीजों के उपचार के लिए भी इन्हीं सिलेंडरों का इस्तेमाल होता हैं। होम आइसोलेशन की वजह से मिल रही मदद : विशेषज्ञ चिकित्सकों के मुताबिक होम आइसोलेशन अभी तक बड़ी राहत का विषय बन रहा हैं। आने वाले दिनों में हम सभी को एहतियात बरतते हुए मास्क लगाना चाहिए और शारीरिक दूरी बनाकर कार्य करना चाहिए। होम आइसोलेशन से अस्पताल की तरफ अगर रूख करते हैं तो संसाधानों की कमी साफ देखने को मिलेगी। क्योंकि, स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा स्टॉफ पिछले करीब एक साल से सेवाएं दे रहा हैं।