राम नाम के जप से होती आत्मा की शुद्धि : पवन कौशिक
बाल्मीकि जैसा व्यक्ति राम-राम की जगह मरा-मरा जप के महान हो गया
बाल्मीकि जैसा व्यक्ति राम-राम की जगह मरा-मरा जप के महान हो गया फोटो : 15 जागरण संवाददाता, झज्जर : राम नाम के जप से ही जीवन का कल्याण संभव है। बाल्मीकि जैसा व्यक्ति राम-राम की जगह मरा-मरा जप के महान हो गया। रामायण जैसे महाकाव्य की रचना भी कर दी। राम नाम के जप से आत्मा की शुद्धि होती है। यह बात सिद्ध श्री बाबा कांशीगिरि पंडित पवन कौशिक ने 54 वें गोस्वामी तुलसीदास रचित पंचम सोपान संगीतमयी श्री सुंदरकांड पाठ एवं भजन कीर्तन में कही। उन्होंने कहा कि मनुष्य रूपी शरीर पाकर जो भगवान की भक्ति करता है। सत्संग में समय बीतता है, बड़ा भाग्यशाली होता है। पं. कौशिक ने बताया कि आषाढ़ मास में सूर्यदेव को जल चढ़ाने से विशेष पुण्य मिलता है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार युद्ध के लिए लंका जाने से पहले भगवान श्रीराम ने भी सूर्य को जल चढ़ाकर पूजा की थी, इससे उन्हें रावण पर जीत हासिल करने में मदद मिली। आषाढ़ महीने में सूर्य को जल चढ़ाने से सम्मान और सफलता मिलती है। कार्यक्रम में ताराचंद भूटानी, योगेश रंजन, पं. पवन कौशिक, रवि यादव, रिकू नंदा सहित महिला श्रद्धालुओं ने संगीतमयी श्री सुंदरकांड पाठ का गायन किया। कार्यक्रम से पूर्व विधिवत पूजन कर श्री सुंदरकांड पाठ एवं भजन कीर्तन आरम्भ हुआ। कौशिक ने कहा कि श्रीकृष्ण ने अपने पुत्र को सूर्य पूजा का महत्व बताते हुए कहा कि सूर्य ही एक प्रत्यक्ष देवता हैं। यानी ऐसे भगवान हैं जिन्हें रोज देखा जा सकता है। श्रद्धा के साथ सूर्य पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सूर्य पूजा से कई ऋषियों को दिव्य ज्ञान प्राप्त हुआ है। श्री सुंदरकांड विश्राम पर हनुमान चालीसा, आरती, प्रसाद वितरण के उपरांत श्रद्धालुओं ने बाबा का आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर इंदू देवराज भूगड़ा, ईश चुघ, हरीश अरोड़ा, मनोज चुघ, अनुज नागपाल, आशीष चावल, नरेन्द्र पाहवा, प्रदीप काठपालिया, अनिल छाबड़ा, वेद बहल ,जगदीशछाबड़ा, प्रिस आंचल सेठी, सहित महिला श्रद्धालु उपस्थित रहे।