कृषि कानूनों की खिलाफत से शुरू हुआ आंदोलन अब पार्टी विरोध पर केंद्रित हुआ तो मंच से वक्ताओं के बोल भी बदल रहे

नवंबर 2020 में दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन शुरू तो तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हुआ था मगर उसके बाद सरकार के सीधे विरोध और अब यह पार्टी विशेष के विरोध पर केंद्रित हो चुका है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 06:10 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 06:10 AM (IST)
कृषि कानूनों की खिलाफत से शुरू हुआ आंदोलन अब पार्टी विरोध पर केंद्रित हुआ तो मंच से वक्ताओं के बोल भी बदल रहे
कृषि कानूनों की खिलाफत से शुरू हुआ आंदोलन अब पार्टी विरोध पर केंद्रित हुआ तो मंच से वक्ताओं के बोल भी बदल रहे

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : नवंबर 2020 में दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन शुरू तो तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हुआ था, मगर उसके बाद सरकार के सीधे विरोध और अब यह पार्टी विशेष के विरोध पर केंद्रित हो चुका है। इसी के साथ मंच से वक्ताओं के बोल भी बदल रहे हैं। कृषि कानूनों से ज्यादा अब आगामी चुनावों को लेकर भाषण ज्यादा दिए जा रहे हैं। आंदोलन में अब गैर कृषि संगठनों की भागीदारी तो न के बराबर है। ऐसे में मंच पर पहुंचने वाले किसान संगठनों के नेता पार्टी विशेष का नाम लेकर ही उसके नेताओं, मंत्रियों और विधायकों को सबक सिखाने का प्रचार करते दिखते हैं। ज्यादातर वक्ता अब तो एक ही बात पर जोर देते हैं कि फलां राज्य में सत्ता पक्ष को नाकाम कर दिया और अब आगे फलां राज्य में करेंगे। यह अलग बात है कि जब आंदोलन शुरू हुआ तो इसमें किसी भी दल के नेताओं को मंच के आसपास जगह नहीं मिलती थी और पार्टी विशेष के विरोध की बात नहीं होती थी। उस समय पंजाब के किसान नेताओं को यह भी आह्वान करते सुना जा सकता था कि नारे लगाने में किसी की मर्यादा भंग न की जाए। विरोध हो, मगर सम्मानित तरीके से हो। लेकिन यह सब धीरे-धीरे बदल गया। बाद में आंदोलन के बीच ऐसी भाषा का भी प्रयोग किया जाने लगा जो सीधे तौर पर गाली-गलौच है। अब यह आंदोलन सात माह पूरे करने जा रहा है। शुरुआत में किसी को भी यह अंदाजा नहीं था कि यह इतना लंबा चलेगा। अभी यह और कितना लंबा चल जाए, इसकी भी कोई सीमा नहीं दिख रही है। सरकार ने जो आखिरी मीटिग में प्रस्ताव दिया था वह तो आंदोलनकारियों ने ठुकरा दिया था। वे अपनी मांग पर टस से मस तक नहीं हो रहे हैं। इतना लंबा आंदोलन बहादुरगढ़ के व्यापार और उद्योग को बड़ा नुकसान पहुंचा चुका है।

chat bot
आपका साथी