आजादी की लड़ाई में 1857 की क्रांति का सबसे अहम योगदान : एसडीएम
- एसडीएम झज्जर शिखा ने किया डिजिटल प्रदर्शनी का अवलोकन - मंगलवार को होगा प्रदर्शनी का समापन
जागरण संवाददाता, झज्जर :
सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग की ओर से लगाई गई डिजिटल प्रदर्शनी जिला की युवा शक्ति को प्रदेश के गौरवमय इतिहास का ज्ञान करवा रही है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा का योगदान थीम पर आधारित डिजिटल प्रदर्शनी का सोमवार को दूसरे दिन एसडीएम झज्जर शिखा ने अवलोकन किया। शहर के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के सभागार में सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के 75 वर्ष पूरे होने पर स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा के योगदान पर आधारित तीन दिवसीय प्रदर्शनी में सार्थक संदेश के साथ आमजन को जागरूक किया जा रहा है ।
एसडीएम शिखा ने अवलोकन करने उपरांत कहा कि भारत का आजादी दिलवाने के लिए 1857 की क्रांति का सबसे अहम योगदान था जिसमें हरियाणा वासियों ने अपनी अतुलनीय भागीदारी निभाई है। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई का बिगुल सबसे पहले 1857 में बजा था और देश के महान क्रांतिकारियों के बलिदान और योगदान से ही भारत को 1947 में आजादी मिली थी। एसडीएम शिखा ने कहा कि देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ देश भर में आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मनाई जा रही है। हरियाणा प्रदेश ने भी इसमे बढ़चढ़ कर भाग लिया है और देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ को अनूठे ढंग से मनाने के लिए प्रदेश भर में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। इस प्रदर्शनी में जहां देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों, वीर शहीदों के जीवन की गौरव गाथा को दर्शाया गया है वहीं देश की आजादी व हरियाणा प्रदेश के गठन के बाद हुई प्रगति को भी प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे इस प्रदर्शनी का अवलोकन जरूर करें और राष्ट्र भक्ति से जुड़कर देश की प्रगति और खुशहाली में अपना योगदान दें।
इस अवसर पर डीआइपीआरओ राजन शर्मा, आईपीआरओ दिनेश कुमार, राकवमावि के प्राचार्य जोगेंद्र धनखड़, रावमावि के एनएसएस प्रभारी डा. प्रवीण खुराना, सूचना केंद्र सहायक झज्जर धर्मबीर सिंह, सूचना केंद्र सहायक बहादुरगढ़ मनमोहन, लिपिक सतीश कुमार व नीरज कुमार सहित जिला के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों व शहरवासियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया।